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Festival 2023: शुक्र प्रदोष व्रत आज, भगवान शिव के साथ मां लक्ष्मी का आशीर्वाद भी…

CG News: शुक्रवार को शुक्र प्रदोष व्रत है। इसमें भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाएगी।

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Festival 2023: शुक्र प्रदोष व्रत आज, भगवान शिव के साथ मां लक्ष्मी का आशीर्वाद भी...

Festival 2023: शुक्र प्रदोष व्रत आज, भगवान शिव के साथ मां लक्ष्मी का आशीर्वाद भी...

बिलासपुर। CG News: शुक्रवार को शुक्र प्रदोष व्रत है। इसमें भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाएगी। इस बार शुक्रप्रदोष व्रत धनतेरस के शुभ संयोग के साथ मनाया जाएगा। भगवान शिव व माता पार्वती के साथ मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलेगा।

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ज्योतिषविद जगदानंद झा के अनुसार शुक्र प्रदोष व्रत इस बार धनतेरस के दिन पड़ रहा है। शुक्रवार के दिन जब प्रदोष व्रत पड़ता है तो उसे शुक्र प्रदोष व्रत कहलाता है। इस दिन शुभ योग और ग्रह नक्षत्रों का भी विशेष संयोग बन रहा है। मान्यता है कि इन शुभ संयोगों के बीच शुक्र प्रदोष का व्रत रखने से व्रतियों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। शुक्रवार त्रयोदशी प्रदोष व्रत पूजा विधि सोम प्रदोष के समान ही है। इस व्रत में श्वेत रंग तथा खीर जैसे पदार्थो के सेवन का विशेष महत्व होता है।

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शुक्र प्रदोष व्रत कथा

प्राचीन काल की बात है एक नगर में तीन मित्र रहते थे, तीनों में ही घनिष्ट मित्रता थी। उसमें एक राजा का बेटा, दूसरा ब्राह्मण पुत्र, तीसरा सेठ पुत्र था। राजकुमार व ब्राह्मण पुत्र का विवाह हो चुका था। सेठ पुत्र का विवाह के बाद गौना नहीं हुआ था। एक दिन तीनों मित्र आपस में स्त्रियों की चर्चा कर रहे थे। ब्राह्मण पुत्र ने नारियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि नारीहीन घर भूतों का डेरा होता है। सेठ पुत्र ने यह वचन सुनकर अपनी पत्नी लाने का तुरन्त निश्चय किया।

सेठ-पुत्र अपने घर गया और अपने माता-पिता को अपना निश्चय बताया। उन्होंने बेटे से कहा कि शुक्र देवता डूबे हुए हैं। इन दिनों बहु-बेटियों को उनके घर से विदा कराकर लाना शुभ नहीं, अत: शुक्रोदय के याद तुम अपनी पत्नी को विदा करा लाना। सेठ पुत्र अपनी जिद से टस से मस नहीं हुआ और अपनी सुसराल जा पहुंचा। सास-ससुर को उसके इरादे का पता चला। उन्होंने उसको समझाने की कोशिश की किन्तु वह नहीं माना। अत: उन्हें विवश हो अपनी कन्या को विदा करना पड़ा।

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धनतेरस पर चौघड़िया मुहूर्त

सूर्योदय से सूर्यास्त तथा सूर्यास्त से सूर्योदय के बीच का काल 30-30 घटी यानी घड़ी में मापा गया है। 30 घटी को अष्ट अंग में बांटने पर दिन और रात की 8-8 चौघड़िया मिलती हैं। प्रत्येक चौघड़िया लगभग 4 घटी का होता है। ।

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इस समय खरीदारी करना शुभ

चर चौघड़िया- सुबह 6 से 7 बजे व शाम को 4.30 से 6 बजे तक। इस समय वाहन, हीरा, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान खरीदें

लाभ चौघड़िया- सुबह 7.30 से 9 बजे व रात 9 बजे से 10.30 तक। इस समय तांबे के बर्तन, सोना और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान।

अमृत चौघड़िया- सुबह 9 बजे से 10.30 बजे तक। इस समय चांदी, पीतल, सोना और प्रॉपर्टी की डील करने के लिए शुभ।

शुभ चौघड़िया- दोपहर 12 से 1.30 बजे तक। इस समयसोना, पीतल और जमीन खरीदने के लिए शुभ।