
Gupt Navratri: मनोकामना पूर्ति के निमित्त विशेष साधना के लिए शुभ मानी जाने वाली आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्र 6 जुलाई से शुरू हो रही है। इस बार यह 10 दिन की होगी। वैसे तो नवरात्रि के दिन काफी शुभ माने जाते हैं, लेकिन इस दौरान बन रहे कई शुभ संयोग इसकी शुभता को और बढ़ाएंगे। गुप्त नवरात्रि के अगले दिन 7 जुलाई को रवि पुष्य योग का महासंयोग बनेगा।
अत: बाजारों में जमकर खरीदारी होगी। जुलाई माह में कुछ दिन का शादियों का मुहूर्त भी है। ऐसे में बाजारों में जमकर खरीदारी होने की उम्मीद है। गुप्त नवरात्र 6 जुलाई से 15 जुलाई तक रहेंगे। इस दौरान अनेक श्रद्धालु साधना करेंगे। इसी प्रकार शहर के कई मंदिरों में भी साधक साधना करेंगे और अखंड ज्योत जलाएंगे। इस बार नवरात्रि के दौरान चतुर्थी तिथि दो दिन रहेगी, इसके कारण नवरात्र 9 के बजाय 10 दिनों के होंगे। पंडितों का कहना है कि साल में चार बार नवरात्रि आती है, जिसमें दो बार प्रकट और दो बार गुप्त हाेंते हैं।
ज्योतिषाचार्य अवस्थी ने बताया कि प्रकट नवरात्र आराधना और गुप्त नवरात्र साधना के लिए काफी उपयुक्त माने गए हैं। मनवांछित फल की प्राप्ति के लिए इस नवरात्र में कई साधक साधना करते हैं। नवरात्र में मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमाता, भैरवी, मां धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है। ये दस महाविद्याएं है। इनकी गुप्त साधना से मनोकामना की पूर्ति होती है।
ज्योतिषाचार्य पंडित जागेश्वर अवस्थी ने बताया कि 27 प्रकार के नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र सर्वश्रेष्ठ होता है। इस नक्षत्र में किए गए कार्य शुभ फलदायी होते हैं। खासकर यह जब भी रविवार और गुरुवार को आता है तो रवि पुष्य और गुरु पुष्य योग बनता है। यह योग खरीदारी सहित सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए प्रशस्त माने गए हैं। रवि पुष्य योग में खासकर सोना सहित लाल धातु खरीदना अत्यंत शुभ होता है। इसी प्रकार भूमि, भवन, वाहन, घरेलू सामान सहित स्थायित्व देने वाली वस्तुओं की खरीदना शुभ होता है।
Updated on:
27 Jun 2024 03:40 pm
Published on:
27 Jun 2024 03:39 pm
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