13 जुलाई 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

CG High Court: प्राचार्य प्रमोशन में गड़बड़ी पर हाईकोर्ट ने जताई थी नाराजगी, आज भी होगी सुनवाई

High Court: बीएड डिग्रीधारी लेक्चरर्स को ही प्राचार्य पद पर प्रमोशन देने की मांग को लेकर दायर याचिकाओं पर बुधवार को डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई।

हाईकोर्ट (patrika Media library)
हाईकोर्ट (patrika Media library)

CG High Court: बीएड डिग्रीधारी लेक्चरर्स को ही प्राचार्य पद पर प्रमोशन देने की मांग को लेकर दायर याचिकाओं पर बुधवार को डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता शिक्षकों के अधिवक्ताओं ने जवाब प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा। मामले में गुरुवार को भी सुनवाई जारी रहेगी। समर वेकेशन से पहले इस मामले में सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने 9 जून तक प्रमोशन प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।

सुनवाई के दौरान राज्य शासन और स्कूल शिक्षा विभाग पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने कहा था कि आदेश के बाद भी शिक्षकों को प्राचार्य पद पर ज्वाइन कराया गया। नाराज कोर्ट ने यह भी कहा था कि यह न्यायालयीन अवमानना का मामला बनता है। आगामी आदेश तक सभी ज्वाइनिंग को भी हाईकोर्ट ने अमान्य कर दिया था।

यह भी पढ़े: युक्तियुक्तकरण से परेशान शिक्षकों के लिए राहत, हाईकोर्ट ने दिया अभ्यावेदन का मौका… जानें किसे मिलेगा लाभ

ज्वाइनिंग का मुद्दा भी उठाया था

सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच के समक्ष याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने ज्वाइनिंग का मुद्दा भी उठाया था। कोर्ट ने लेक्चरर से प्रिंसिपल पद पर पदोन्नति पर 7 मई तक रोक लगा दी थी। इसके बाद भी कई जिलों में ज्वाइनिंग करा दी गई।

बताया गया कि प्राचार्यों के प्रमोशन आदेश में स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया गया था कि यह पदोन्नति हाई कोर्ट के आदेश के अधीन रहेगी। इसके बाद भी कई जगहों पर प्राचार्य पद पर ज्वाइनिंग देकर पावती ले ली गई। कोर्ट में सुनवाई के दौरान इसमें डीईओ और व्यायाताओं के मिलीभगत की बात भी उठाई गई। ऐसे शिक्षकों की निलंबन की मांग भी की गई।

अलग-अलग याचिकाओं द्वारा चुनौती

उल्लेखनीय है कि प्राचार्य प्रमोशन को लेकर हाईकोर्ट में कई याचिकाएं लगी है। एक मामला 2019 का है। जबकि दूसरा प्रकरण 2025 और बीएड-डीएलएड से जुड़ा है। 28 मार्च 2025 को जब कोर्ट में पिछली सुनवाई हुई थी, तो राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को आश्वस्त किया गया था कि अगली सुनवाई तक प्राचार्य प्रमोशन का आदेश जारी नहीं किया जाएगा।

कोर्ट को आश्वस्त करने के बाद भी राज्य शासन ने 30 अप्रैल को प्रमोशन लिस्ट जारी कर दी। अगले दिन एक मई को हाईकोर्ट ने इस पूरी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।