
बिलासपुर एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग और सुविधाओं पर सुनवाई (Photo Patrika)
CG News: चकरभाठा स्थित बिलासा एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग सहित अन्य विकास कार्यों में की जा रही लेटलतीफी पर शुक्रवार को चीफ जस्टिस जमकर नाराज हुए। सुनवाई के दौरान सीजे ने महाधिवक्ता से कहा आप स्टेटमेंट दे दीजिए, हमसे कुछ नहीं हो पाएगा। हम दोनों पीआईएल खत्म कर देंगे। सरकार की ओर से प्रस्तुत जवाब और अफसरों की बॉडी लैंग्वेज देखकर तो यही लगता है कि आप लोगों में काम करने की इच्छाशक्ति ही नहीं है।
एयरपोर्ट के विकास को लेकर अधिवक्ता संदीप दुबे और कमल दुबे की जनहित याचिका पर एकसाथ सुनवाई चल रही है। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने डिवीजन बेंच को बताया कि एयरपोर्ट की हालत में सुधार नहीं है। यात्री सुविधाओं के लिए कराए जा रहे कार्यों में लेटलतीफी और गैर जिम्मेदारी पर चीफ जस्टिस का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत से कहा कि आप स्टेटमेंट दे दीजिए, हमसे कुछ नहीं हो पाएगा। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अफसर काम नहीं कर रहे हैं।
सीजे ने पूछा- फोटोग्राफ्स में तो काम नहीं दिख रहा: याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने जब बिलासपुर एयरपोर्ट की वास्तविक स्थिति कोर्ट के सामने रखी और कामकाज ना होने की जानकारी दी,तो सीजे ने महाधिवक्ता से पूछा कि एजी साहब यह सब क्या हो रहा है। छत्तीसगढ़ और दिल्ली में आपकी सरकार है। इसके बाद ये हाल है। महाधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष फोटोग्राफ्स रखते हुए बताया कि एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग का काम चल रहा है। फोटोग्राफ्स देखते ही चीफ जस्टिस नाराज हो गए। सीजे ने कहा कि आप खुद ही देखिए। क्या दिख रहा है। एक गाड़ी खड़ी है और पीछे कुछ लोग। काम कहां चल रहा है यह तो इसमें दिख ही नहीं रहा।
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि सैन्य मंत्रालय ने एयरपोर्ट के विकास के साथ ही रनवे की लंबाई और चौड़ाई बढ़ाने के लिए 286 एकड़ जमीन पर काम करने की अनुमति राज्य सरकार को दे दी है। सीजे ने महाधिवक्ता से पूछा कि डिफेंस से अनुमति मिलने के बाद काम क्यों नहीं किया जा रहा है, अब कहां दिक्कतें आ रही है। एजी ने बताया कि जमीन की कीमत पर बात अटकी हुई है। जमीन के बदले में रक्षा मंत्रालय ज्यादा पैसे की मांग कर रहा है। राज्य सरकार जमीन कब्जे में लेने के बाद ही काम आगे बढ़ाना चाहती है।
नाराज सीजे ने चीफ सेक्रेटरी और केंद्रीय रक्षा सचिव को तलब करते शपथ पत्र के साथ जानकारी मांगी। सीजे ने कहा- अफसरों की बॉडी लैंग्वेंज देखकर नहीं लगता कि काम करने की इच्छा शक्ति है। जब सुनवाई होती है तब जवाब के लिए समय मांगा जाता है। एजी से कहा कि आप बोल दीजिए यह हमसे नहीं हो पाएगा। सीजे ने यह भी कहा कि बिलासपुर का भाग्य कभी जागेगा, कोई सरकार कुछ कर सकेगी?
Published on:
26 Jul 2025 09:17 am
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