6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

High Court: हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी, पूछा- स्वीकृत फंड का उपयोग जर्जर स्कूलों के लिए हो भी रहा है या नहीं?

CG High Court: प्रदेश में जर्जर स्कूल भवनों को लेकर स्वत: संज्ञान याचिका पर हाईकोर्ट ने की कड़ी टिप्पणी, जर्जर स्कूलों के मरम्मत की प्रोग्रेस रिपोर्ट शपथ पत्र के साथ देने के निर्देश

2 min read
Google source verification
High court

बिलासपुर. High Court: प्रदेश में स्कूलों के जर्जर भवनों को लेकर स्वत: संज्ञान याचिका पर हाईकोर्ट (High Court) ने बुधवार को कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि स्वीकृत फंड का उपयोग स्कूलों की हालत सुधारने में हो भी रहा है या नहीं? कोर्ट ने शासन और स्कूल शिक्षा सचिव को शपथपत्र पर स्कूल भवनों को ठीक करने की प्रोग्रेस रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। अगली सुनवाई 21 अगस्त को निर्धारित की गई है।


प्रदेश भर के शासकीय स्कूलों में से अनेक स्थानों पर भवन जर्जर हो चुके हैं। बारिश के समय इनकी हालत और खराब हो जाती है। कुछ सप्ताह पहले ही एक सरकारी स्कूल में बाथरूम का छज्जा किसी छात्र पर ही गिर गया था। इसके अलावा करीब साल भर पहले भी एक छात्र बन रही रसोई के बर्तन से बुरी तरह जल गया था।

इस तरह के समाचारों के सामने आने पर हाईकोर्ट (High Court) ने स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की है। बुधवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की डिविजन बेंच में सुनवाई हुई।

2 हजार से ज्यादा असुरक्षित स्कूलों को गिराना है

सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता ने बताया कि शासन द्वारा शपथपत्र में दी गई जानकारी के अनुसार 31 मार्च 2024 के पहले सरकार ने जर्जर और सुरक्षित स्कूलों की गिनती कराई थी। इसमें 2 हजार 219 स्कूलों को डिस्मेंटल करना था।

यह भी पढ़ें: CG lift accident: लिफ्ट के नीचे खून टपकने लगा तब चला मौत का पता, 15 वर्षीय किशोर का फंस गया था सिर

पिछले साल स्वीकृत किए गए थे 1 हजार 837 करोड़ रुपए

मुख्यमंत्री शाला जतन योजना में 1 हजार 837 करोड़ सत्र 2022 - 23 में शासकीय स्कूलों के लिए जारी किए गए हैं। अतिरिक्त महाधिवक्ता ने जब यह जानकारी दी तो चीफ जस्टिस ने कहा कि इस राशि का इस्तेमाल क्या किया गया? उन्होंने कहा कि वास्तव में स्कूलों की स्थिति सुधर रही है या सब कागजों पर ही है।

शासन ने कहा कि कलेक्टर अपने डीएमएफ फंड से भी राशि उपलब्ध करा सकते हैं। इस पर डीबी ने कहा कि, एक कलेक्टर कहां- कहां जाएगा? विभाग के जो प्रमुख हैं, शिक्षा सचिव उन्हें मॉनिटरिंग करना चाहिए कि फंड कहां जा रहा है।


बड़ी खबरें

View All

बिलासपुर

छत्तीसगढ़

ट्रेंडिंग