
Indian Railway: ट्रेन में अचानक तबीयत बिगड़ जाए, तो घबराने की आवश्यकता नहीं है, क्योकि अब टीटीई टिकट जांच करने के साथ यात्रियों का उपचार भी करेंगे। बिलासपुर जोन के सभी टीटीई को प्राथमिक उपचार किट के साथ जरूरी दवाएं उपब्लध कराई गई है। इसके साथ ही अब इन्हें उपचार करने के साथ ही एमरजेंसी में सीपीआर देने के तरीके भी सिखाए जा रहे हैं।
रेलवे के अफसरों ने बताया कि रेल यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति सजगता बढ़ाने के उद्देश्य से वाणिज्य विभाग की स्पेशल टीम द्वारा फ्रंट लाइन कर्मचारियों तथा यात्रियों को ट्रेनों तथा स्टेशनों में जीवनरक्षक तकनीक कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है । इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों में यात्रियों को त्वरित और प्रभावी चिकित्सा सहायता प्रदान करना है।
स्पेशल सेल टीम के विशेषज्ञ प्रशिक्षकों ने बिलासपुर स्टेशन में टिकट चेकिंग कर्मचारियों को सीपीआर की विभिन्न तकनीकों और प्रक्रियाओं को विस्तार से समझाया। प्रशिक्षण के दौरान कर्मचारियों को हृदय की धडक़न और श्वसन प्रणाली को फिर से सक्रिय करने की विधियां बताई गईं। अभ्यास के माध्यम से कर्मचारियों ने इन तकनीकों को सीखा और प्रशिक्षकों से सवाल-जवाब कर अपनी शंकाओं का समाधान किया।
अब तक यात्रियों के लिए प्राथमिक उपचार की व्यवस्था यात्री ट्रेनों के ट्रेन मैनेजर, गार्ड एवं स्टेशन अधीक्षक के पास ही उपलब्ध होती थी। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मंडल के सभी टिकट जांच स्टॉफ को प्राथमिक उपचार से संबंधित किट मिली है। इसमें दर्जनों दवाइयां मिली हैं। इसे ड्यूटी के दौरान टीटीई अपने साथ रखेगें। इसमें बुखार, उल्टी, दस्त, हल्की चोट, आई ड्राप बेंडेज इत्यादि दवाइयां रहेंगी।
रेलवे के अफसरों ने बताया कि टिकट चेकिंग कर्मचारियों की भूमिका केवल टिकट जांच तक सीमित नहीं है, बल्कि वे यात्री सुरक्षा और स्वास्थ्य का भी ध्यान रखते हैं। इस तरह के प्रशिक्षण से वे किसी भी आपातस्थिति में त्वरित और प्रभावी कदम उठा सकते हैं, जिससे यात्रियों की जान बचाई जा सके। यह प्रशिक्षण अभियान नियमित रूप से जारी रहेगा, ताकि अधिक से अधिक कर्मचारियों को इस जीवनरक्षक तकनीक की जानकारी दी जा सके।
ट्रेन में टिकट चेकिंग के साथ ही अब टीटीई एमरजेंसी में यात्रियों का उपचार भी कर सकते है। उन्हें मेडिकल किट भी दिया जा रहा है। इसके साथ ही सीपीआर देने की ट्रेनिंग दे रहे है। ये जीवनरक्षक तकनीक है, जिसका उपयोग हृदय और श्वास के रुक जाने की स्थिति में किया जाता है।
Published on:
18 Aug 2024 08:09 am
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