
Bilaspur High Court: बिलासपुर हाईकोर्ट ने रतनपुर के महामाया कुंड के जाल में फंसकर मृत मिले 23 कछुओं के आरोपी की अग्रिम जमानत पर सुनवाई करते कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि मामले की गंभीरता से जांच होगी तो और भी आरोपी सामने आएंगे।
मामले में ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सतीश शर्मा पर एफआईआर दर्ज है। आरोपी सतीश शर्मा ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि आवेदक महामाया मंदिर का मुख्य पुजारी है। ट्रस्ट ने फैसला लिया कि मंदिर के बगल के तालाब की सफाई कराई जाएगी। मछुआरों को इसका ठेका दिया गया। सफाई के दो दिन बाद मरे हुए कछुए पाए गए। वन विभाग को मौके पर बुलाया गया। इसके बाद पुजारी के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कर दी गई। आरोपी के वकील ने बताया कि ट्रायल कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि ट्रस्ट के अध्यक्ष आशीष सिंह ठाकुर हैं। मैं उपाध्यक्ष और पुजारी हूं। कोर्ट ने पूछा और कौन-कौन आरोपी हैं इसमें और कितने लोगों के खिलाफ एफआईआर हुई है। सरकारी वकील ने बताया कि मामले में ठेकेदार आनंद जायसवाल के साथ मछुआरे अरुण और विष्णु धीवर भी आरोपी हैं।
आरोपी के वकील की ओर से तर्क दिया गया कि पुजारी 24 घंटे मंदिर का इंचार्ज होता है। ट्रस्ट के फैसले के आधार पर मछुआरों को तालाब के अंदर आने दिया गया था। सफाई के दौरान किसी की हत्या कर दी जाती है या फिर बम ब्लास्ट कर दिया जाता है, तो भी मैं जिमेदार होता क्या? हाईकोर्ट में नगर पालिका रतनपुर की ओर से बताया गया कि जिस तालाब में घटना हुई है, वह मंदिर ट्रस्ट को दिया गया है।
Published on:
17 Apr 2025 12:35 pm
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