26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

होम आइसोलेशन वाले मरीजों को खुद ही करना पड़ रहा है अपना इलाज, स्वास्थ्य विभाग नहीं कर रहा मदद

होम आइसोलेशन में रहने वाले कुछ मरीजों ने बातचीत करने पर बताया कि उन्हें न तो विभाग की ओर से दवा उपलब्ध कराई जा रही है और न ही कोई डॉक्टर फोन कर उनकी तबीयत के बारे में पूछ रहे हैं। ऐसे में खुद ही दवा ले रहे हैं या फिर किसी की मदद से अस्पतालों से मंगा रहे हैं।

2 min read
Google source verification

बिलासपुर. कोरोना संक्रमण के मामले बढऩे के साथ ही लोग तो लापरवाही बरत ही रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की कमियां भी सामने आने लगी हैं। स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की व्यवस्था से होम आइसोलेशन में रहने वाले कुछ मरीज खुश हैं तो कुछ नाराज हैं।

होम आइसोलेशन में रहने वाले कुछ मरीजों ने बातचीत करने पर बताया कि उन्हें न तो विभाग की ओर से दवा उपलब्ध कराई जा रही है और न ही कोई डॉक्टर फोन कर उनकी तबीयत के बारे में पूछ रहे हैं। ऐसे में खुद ही दवा ले रहे हैं या फिर किसी की मदद से अस्पतालों से मंगा रहे हैं।

70 प्रतिशत मौतों की वजह सर्दी, जुकाम और खांसी को नजरअंदाज करना, अस्पताल पहुचने तक हो जाती है बहुत देर

हालांकि कुछ मरीजों ने होम आइसोलेशन की व्यवस्था को काफी सराहा। कोरोना के बढऩे ग्राफ को देखते हुए कोरोना के ए सिम्टोमैटिक मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति दी जा रही है। मॉडरेट यानी हल्के लक्षण वाले को कोविड सेंटर एवं गंभीर लक्षण वाले मरीजों को अस्पतालों में भर्ती किया जा रहा है। सीएमएचओं डॉ. प्रमोद महाजन का कहना है कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए आईसीएमआर एवं स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी की है।

लक्षण, बिना लक्षण वाले मरीजों को कितनी मात्रा में क्या दवा देनी है यह सब तय है। खुद से बिना डॉक्टर के परामर्श के दवाई लेने से मरीजों को नुकसान हो सकता है। वहीं आइसोलेशन वाले कमरे में निजी इस्तेमाल की वस्तुएं और कपड़े ही रखें। निजी इस्तेमाल के कप, प्लेट, तश्तरी, छोटा चाकू, वासिंग पाउंडर, साबुन, सेनेटाइजर, वेस्ट पेपर बास्केट भी उसी कमरे में रखें।

केस-1

दोस्त को भेज मेडिकल से मगाई दवा

तोरवा निवासी 32 साल के युवक ने 27 सितंबर को सिम्स में जांच करवाई। एंटिजन से उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। स्वास्थ्य विभाग ने उसे होम आइसोलेशन में रहने के लिए कह दिया। लेकिन कोई दवा पहुंचाने के लिए नहीं आया। ऐसे में उसने अपने एक मित्र से संपर्क कर मेडिकल से दवा मंगवाकर खाया।

केस-2

फोन पे दवा का नाम बताया, बाजार से खरीद कर खाया

नर्मदा नगर निवासी 42 वर्षीय महिला 25 सितंबर को कांग्रेस भवन के पास स्थित जांच सेंटर में जा कर आरटीपीसीआर जांच कराई जिसके बाद 29 सितंबर को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। स्वास्थ्य विभाग से एक डॉक्टर ने उन्हें फोन कर इसकी सूचना दी और कुछ दवा का नाम बताया जिसके बाद बाजार से दवा मंगाकर खाने लगी वहीं महिला ने बताया कि होम आइसोलेशन से संतुष्ट है। लेकिन कोई डॉक्टर देखने को आता तो बेहतर होता।

केस-3

पॉजिटिव की जानकारी तो दी पर दवा नहीं मिली

तिफरा निवासी 29 साल के युवक ने बताया की 28 सितंबर को व्यापार विहार स्थित त्रिवेणी भवन के जांच सेंटर में एंटिजन से उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। जांच करने वालों ने उसे घर भेजते हुए कहा कि कल आपके पास विभाग से फोन आएगा। फोन आया तो पूछे लक्षण हैं या नहीं सामान्य हालत बताने पर घर पर रहने की सलाह दी गई लेकिन दवा नहीं पहुंचाई। ऐसे में 7 दिनों से बुखार की सामान्य दवा खाकर ही युवक घर में आराम कर रहा है।

ये भी पढ़ें: जिले में कोरोना सघन सामुदायिक सर्वे अभियान शुरू, 180 में से 10 मिले पॉजिटिव