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पत्रिका रक्षा कवच अभियान: ASP सुमित धोतरे ने बच्चों को किया जागरूक, बोले – फ्री की चीज बड़ी महंगी पड़ती है… बचाव के दिए टिप्स

Patrika Raksha Kavach Abhiyan: ऑनलाइन प्लेटफार्म पर फ्री की कोई चीज महंगी पड़ सकती है। जालसाज आपको डर, लालच देकर साइबर ठगी कर सकते हैं।

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Patrika Raksha Kavach Abhiyan: ऑनलाइन प्लेटफार्म पर फ्री की कोई चीज महंगी पड़ सकती है। जालसाज आपको डर, लालच देकर साइबर ठगी कर सकते हैं। जागरूकता के अभाव में हर दिन करोड़ों रुपए की साइबर ठगी हो रही है। यह देश में टॉप-3 क्राइम में शामिल हो गया है। इस साल अब तक करीब हजारों लोगों से 70 हजार करोड़ रुपए की साइबर ठगी हो चुकी है।

बच्चे, युवा, बुजुर्ग, अफसर, पुलिस अधिकारी, सीए भी इस ठगी के शिकार हो चुके हैं। हैरत की बात यह है कि अच्छे-अच्छे पढ़े लिखे लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि यह क्राइम तेज गति से बढ़ रहा है, इसका एकमात्र कारण है हममें जागरूकता का अभाव। ये बातें आधारशिला विद्या मंदिर न्यू सैनिक स्कूल में पत्रिका रक्षा कवच अभियान के तहत आयोजित साइबर जागरुकता वर्कशॉप में एएसपी सुमित धोतरे ने कही।

ये रखें सावधानी

  • अनजान ईमेल के जवाब में कभी भी लिंक पर क्लिक न करें या व्यक्तिगत जानकारी न दें।
  • ई-मेल एड्रेस की हमेशा बारीकी से जांच करें। मिलती-जुलती वेबसाइट से सावधान रहें। वेबसाइट में हमेशा सोर्स की पुष्टि करें।
  • एक मजबूत पासवर्ड में कम से कम आठ अक्षर होने चाहिए, जिसमें अपरकेस और लोअरकेस अक्षर, ह्रैस, स्टार, एट द रेट, संख्याएं और विशेष सिंबल शामिल हों।
  • कई खातों में कभी भी एक ही पासवर्ड का उपयोग न करें। अगर एक खाते से छेड़छाड़ की जाती है, तो अन्य भी जोखिम में पड़ जाएंगे।
  • टू-फैक्टर अथेंटिकेशन इनेबल करें। इससे आमतौर पर आपके फोन पर भेजा जाने वाला वन टाइम पासवर्ड (OTP) भले ही किसी के पास आपका पासवर्ड हो, लेकिन वह उस दूसरे फैक्टर के बिना आपके अकाउंट तक नहीं पहुंच पाएगा।
  • सोशल मीडिया अकाउंट में हमेशा जांचें कि आप किससे जुड़ रहे हैं और सुनिश्चित करें कि आपकी अकाउंट सेटिंग प्राइवेट है। आप ऑनलाइन क्या जानकारी पोस्ट करते हैं, इसको लेकर सावधान रहें।
  • सोशल मीडिया में पब्लिक रूप से शेयर की गई किसी भी चीज का फायदा ठग उठा सकते हैं। एक बार ऑनलाइन होने के बाद उसे हटाना मुश्किल होता है।
  • सार्वजनिक हॉटस्पॉट स्कैमर्स के लिए पसंदीदा स्थल होते हैं। कई लोग नकली नेटवर्क बनाते हैं, जो वैध नेटवर्क की नकल करते हैं, जैसे 'फ्री वाई-फाई'। इसलिए सार्वजनिक वाई-फाई पर वित्तीय लेनदेन और संवेदनशील गतिविधियों से बचें।
  • जब भी वेबसाइट बनाना हो तो एचटीपीपीएस:\ वाली बनाएं। यह सिक्योर है। यह ट्रैफिक पैकेट को सुरक्षित करता है।

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Patrika Raksha Kavach Abhiyan: मोबाइल नेट बैंकिंग में बरतें सावधानी

एएसपी ने कहा कि मोबाइल और उसके गैजेट्स का उपयोग करते समय हम उनकी बारीकियों को लेकर सतर्क नहीं होने से ही ठगी के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आईपीएस में चयन होने के बाद उनका फेसबुक अकाउंट के नाम से मिलते-जुलते कई फेक अकाउंट बन गए। कई उसी फेक अकाउंट में कुर्सी, सोफा तक बेचने लगे। जब मुझे पता चला, मैंने अपने अकाउंट में नाम के बाद आईपीएस लिखा और फालोअर को सचेत किया कि यही मेरा असली अकाउंट है।

बाकी दूसरी साइट फेक है, उस पर लेन-देन करने वालों से सावधान रहें। कार्यक्रम में एएसपी ने पीपीटी के माध्यम से साइबर ठगी के कारण, सोशल मीडिया और मोबाइल नेटबैंकिंग का उपयोग करते समय क्या सावधानियां रखना चाहिए, इसकी विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर आधारशिला विद्या मंदिर न्यू सैनिक स्कूल में चेयरमैन अजय श्रीवास्तव, डायरेक्टर एसके जनस्वामी, प्राचार्य जीआर मधुलिका सहित शिक्षक स्टॉफ व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।


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