
Patrika Raksha Kavach Abhiyan: बढ़ते साइबर क्राइम को लेकर जागरुकता बढ़ाने पत्रिका रक्षा कवच अभियान बिलासपुर में बुधवार से शुरू हो गया। इसके तहत खपरगंज स्थित लाला लाजपतराय राय नगर के स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में साइबर क्राइम जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें स्टूडेंट्स को साइबर क्राइम, ऑनलाइन ठगी और सोशल मीडिया से जुड़े अपराध और उसके बचाव के बारे में जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एसपी रजनेश सिंह थे। सीएसपी कोतवाली अक्षय प्रमोद साबद्रा ने साइबर ठगी के चार मुख्य कारण डर, लालच, जागरुकता की कमी और सोशल मीडिया के खतरों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने अलग-अलग उदाहरण देकर साइबर क्राइम के बारे में बताया। अंत में विद्यार्थियों को शपथ दिलाई गई। इस दौरान पत्रिका के स्थानीय संपादक ढालसिंह पारधी, मार्केटिंग हेड फ्रेंकलिन डोमनिक, प्राचार्य भूपेन्द्र शर्मा, शिक्षकगण और अन्य कर्मचारी मौजूद थे।
एसपी रजनीश सिंह ने कहा कि साइबर फ्रॉड हमारे लोगए हमारे ही संसाधन और हमसे ही फ्रॉड करवाया जा रहा है। देश में इस साल अब तक तीस हजार करोड़ रुपए का साइबर फ्रॉड हो चुका है। केवायसीए ई.मेल, क्रेडिट कार्ड, डिजिटल अरेस्ट जैसे कई तरीके से हमसे लूटा जा रहा है। ठगी होने के बाद अपराधियों को पुलिस को बड़ी मेहनत करनी पड़ती है, तब जाकर अपराधी पकड़े जाते हैं।
कई अपराधी तो इस देश से बाहर बैठकर इस क्राइम को ऑपरेट करते हैं। इसे रोकने के लिए जागरुकता ही सबसे बड़ा हथियार है। एसपी ने कहा कि ठगी होने के बाद देर से थाने में सूचना मिलती हैंए जिससे 90 फीसदी राशि रिकवर नहीं हो पाती। उन्होंने अपने घर, परिचित, रिश्तेदारों और समाज को साइबर ठगी से बचाव की जानकारी देने पर जोर दिया।
एसपी ने कहा कि मोबाइल चलाने वालों को आजकल ब्रेन रॉट यानी सोशल मीडिया पर स्क्रॉलिंग कर ज्यादा समय बिताने की आदत का नशा बढ़ता जा रहा है। यह एक दिमाग की स्थिति है जिससे मानसिक क्षमता, ध्यान और सोचने की शक्ति में कमी आ जाती है। इसे डिजिटल या मानसिक थकान भी कहा जा सकता है।
कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए सीएसपी साबद्रा ने बताया कि जो भी एंड्रायड मोबाइल उपयोग करते हैं, उनका ईमेल आईडी भी होता है। इसका पासवर्ड स्ट्रांग रखना चाहिए। कमजोर पासवर्ड को साइबर क्रिमिनल आसानी से पता कर लेते हैं। इसके बाद ईमेल आईडी का एक्सेस लेकर कई तरह के डेटा ले लेते हैं। सोशल मीडिया में सबसे ज्यादा साइबर ठगी की जा रही है। इसमें लाइक, सब्सक्राइबर बढ़ाने, जॉब आदि का झांसा वाले मैसेज भेजते हैं। ऐसे मैसेज को इग्नोर करना है। उन्होंने डिजिटल अरेस्ट और सोशल मीडिया से जुड़े क्राइम के बारे में भी बच्चों को बताया। मोबाइल का सावधानी से इस्तेमाल करने के बारे में जानकारी दी।
गूगल से वेरिफाई ऐप ही डाउनलोड करने व जरूरी परमिशन ही दें।
एपीके फाइल डाउनलोड न करें।
साइबर क्राइम होने पर तत्काल इमरजेंसी टोल फ्री नंबर 1930 पर कॉल करें या नजदीकी थाने में शिकायत करें।
नेशनल साइबर क्राइम रिर्पोटिंग पोर्टल में ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं।
डिजिटल अरेस्ट
शेयर ट्रेडिंग
साइबर ग्रुमिंग
जूस जैकिंग
ईमेल आईडीए पासवर्ड
यूपीआई फ्रॉड
असली व फ्रॉड करने वाली वेबसाइट की पहचान
Updated on:
12 Dec 2024 01:58 pm
Published on:
12 Dec 2024 01:57 pm
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