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बिलासपुर शराब कांड में राहत! ट्रायल तक आबकारी अधिकारियों को नहीं होगी गिरफ्तारी, सुप्रीम कोर्ट का आदेश जारी

CG News: कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह राहत सशर्त है और अधिकारियों पर कड़े प्रतिबंध लागू किए गए हैं ताकि वे जांच और साक्ष्यों को प्रभावित न कर सकें।

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बिलासपुर शराब कांड में राहत! ट्रायल तक आबकारी अधिकारियों को नहीं होगी गिरफ्तारी, सुप्रीम कोर्ट का आदेश जारी(photo-patrika)

बिलासपुर शराब कांड में राहत! ट्रायल तक आबकारी अधिकारियों को नहीं होगी गिरफ्तारी, सुप्रीम कोर्ट का आदेश जारी(photo-patrika)

CG News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शराब घोटाले में फंसे आबकारी विभाग के राजपत्रित अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने इन अधिकारियों की गिरफ्तारी पर लगाई गई अंतरिम रोक को ट्रायल की अवधि तक जारी रखा है। हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह राहत सशर्त है और अधिकारियों पर कड़े प्रतिबंध लागू किए गए हैं ताकि वे जांच और साक्ष्यों को प्रभावित न कर सकें।

CG News: शीर्ष अदालत का फैसला

यह मामला फरवरी 2019 से जून 2022 के बीच हुए संगठित सिंडिकेट द्वारा अवैध शराब बिक्री और डुप्लीकेट होलोग्राम लगाने से जुड़ा है, जिसमें सहायक और उप आबकारी आयुक्त जैसे उच्च पदों के याचिकाकर्ता आरोपी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ताओं ने पिछली अंतरिम सुरक्षा की शर्त के अनुसार ट्रायल कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है और जमानत बांड भी भर दिए हैं।

राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने तर्क दिया कि चूंकि याचिकाकर्ता उच्च पदों पर हैं, इसलिए गवाहों और साक्ष्यों को प्रभावित होने से रोकने के लिए कड़ी शर्तें लगाना आवश्यक है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने सख्त प्रतिबंध लगाते हुए निर्देशित किया कि याचिकाकर्ताओं को दो सप्ताह के भीतर अपने पासपोर्ट ट्रायल कोर्ट में जमा करने होंगे। वे ट्रायल कोर्ट की पूर्व अनुमति के बिना छत्तीसगढ़ राज्य से बाहर नहीं जा पाएंगे। वे गवाहों को प्रभावित करने या सबूतों से छेड़छाड़ करने का कोई प्रयास नहीं करेंगे।

ट्रायल कोर्ट में उपस्थित होना अनिवार्य

कोर्ट ने शर्तों में यह भी कहा है कि जांच अधिकारी के समक्ष जब भी बुलाया जाए, आरोपी उपस्थित होंगे और सहयोग करेंगे। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि यदि वे ट्रायल कोर्ट में अनुपस्थित रहते हैं तो इसे जमानत की शर्तों का दुरुपयोग माना जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर 2025 को तय की गई है।