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Arpa Irrigation Project: अरपा-भैंसाझार 3.42 करोड़ का मुआवजा घोटाला… RTO आनंद रूप तिवारी सस्पेंड, जारी हुआ आदेश

Arpa Irrigation Project: बिलासपुर कोटा के तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी और बिलासपुर के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) आनंद रूप तिवारी को सामान्य प्रशासन विभाग ने निलंबित कर दिया है।

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आनंद रूप तिवारी सस्पेंड (फोटो सोर्स- पत्रिका)

आनंद रूप तिवारी सस्पेंड (फोटो सोर्स- पत्रिका)

Arpa Irrigation Project: बिलासपुर कोटा के तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी और बिलासपुर के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) आनंद रूप तिवारी को सामान्य प्रशासन विभाग ने निलंबित कर दिया है। कोटा एसडीएम रहने के दौरान उन पर भ्रष्टाचार एवं अनियमिता के आरोप लगे थे।

सामान्य प्रशासन विभाग से जारी निलंबन आदेश में बताया गया है कि वरिष्ठ क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी बिलासपुर आनंदरूप तिवारी ने कोटा अनुविभागीय अधिकारी रहने के दौरान अरपा भैंसाझार चकरभाठा के लिए जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार और अनियमितता की थी।

बता दें कि भूमि अधिग्रहण में लगभग साढ़े 3 करोड़ की थी हेरा-फेरी की गई थी। मामले की 4 साल से जांच चल रही थी। नोटिस में स्पष्ट किया है कि निलंबित अधिकारी आनंद रूप तिवारी को संभाग आयुक्त कार्यालय मुख्यालय बिलासपुर से अटैच किया जाता है। इस दौरान आनंद को शासन से निर्देश अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।

Arpa Irrigation Project: एक ही खसरे में मुआवजे में करोड़ों का खेल

अरपा भैंसाझार परियोजना के तहत किए गए भू-अर्जन में एक ही खसरे का अलग-अलग रकबा दिखाकर मुआवजा वितरित किया गया। जांच में यह खुलासा हुआ कि करीब 3.42 करोड़ रुपए की अनियमितता की गई। यह फर्जीवाड़ा उस समय हुआ जब आनंद रूप तिवारी कोटा के एसडीएम थे। इस घोटाले में उनके साथ तत्कालीन एसडीएम कीर्तिमान सिंह राठौर सहित कई अन्य राजस्व और जल संसाधन विभाग के अधिकारी दोषी पाए गए हैं।

तत्कालीन कलेक्टर सौरभ कुमार की अध्यक्षता में एक जांच समिति बनाई गई थी। समिति की रिपोर्ट में कई वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता पाई गई। हाल ही में दोबारा की गई जांच में राजस्व निरीक्षक मुकेश साहू को बर्खास्त कर दिया गया है।

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दोषी पाने के बाद कार्रवाई

जारी आदेश के अनुसार आरटीओ तिवारी ने अनुविभागीय अधिकारी रहने के दौरान सिविल सेवा नियम 1965 के नियम-3 के तहत गंभीर लापरवाही और उदासीनता को अंजाम दिया। इस दौरान अरपा भैंसाझार चकरभाठा नहर निर्माण के समय भू अर्जन की कार्यवाही में भारी अनियमितता को अंजाम दिया गया। जांच पड़ताल और तमाम प्रमाण के बाद राज्य शासन ने आनंद रूप तिवारी को दोषी पाने पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम के तहत कार्रवाई की है।