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जिला बदर के तीन मामले कई महीने से लंबित, मिल रही सिर्फ तारीख पर तारीख

CG News: राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर देश भर में लागू राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत रासुका और जिला बदर की कार्रवाई के लिए भेजे गए 3 प्रकरण पिछले कई महीने से लंबित हैं।

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जिला बदर के तीन मामले कई महीने से लंबित, मिल रही सिर्फ तारीख पर तारीख

जिला बदर के तीन मामले कई महीने से लंबित, मिल रही सिर्फ तारीख पर तारीख

बिलासपुर। CG News: राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर देश भर में लागू राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत रासुका और जिला बदर की कार्रवाई के लिए भेजे गए 3 प्रकरण पिछले कई महीने से लंबित हैं। लगातार तारीख पर तारीख ही मिली, लेकिन आदेश अब तक जारी नहीं हुआ। इधर चुनाव आचार संहिता लगने से ठीक पहले पुलिस की ओर से भेजे गए 19 प्रकरणों में तत्काल सुनवाई कर 2 के खिलाफ जिला प्रशासन ने रासुका और 1 के खिलाफ जिला बदर कार्रवाई का आदेश फौरन जारी कर दिया।

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प्रस्तावों पर सुनवाई नहीं होने पर सामाजिक व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन चुके आरोपियों के खिलाफ चुनाव होने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो पाएगी। नेशनल सिक्योरिटी एक्ट यानि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका), एक ऐसा कानून है जिसके तहत किसी खास खतरे के चलते व्यक्ति को हिरासत में लिया जा सकता है। अगर प्रशासन को लगता है कि किसी शख्स की वजह से देश की सुरक्षा और सद्भाव को खतरा हो सकता है, तो ऐसा होने से पहले ही उसे रासुका के तहत हिरासत में ले लिया जाता है। भविष्य में किसी व्यक्ति को अपराध करने से रोकने और भविष्य में अभियोजन से बचने के लिए उसे हिरासत में लिया जाता है। कानून में नजरबंदी के प्रावधान के तहत आरोपी को 3 महीने के लिए हिरासत में रखा जा सकता है। ऐसे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होती है, जिनके खिलाफ आधा दर्जन या इससे अधिक मामले थानों में दर्ज हुए हैं।

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पुराने 1 व नए प्रस्ताव में 3 मामलों में हुआ आदेश जारी
जिला प्रशासन को जनवरी 2023 में भेजे गए 1 प्रकरण ऋषभ पानीकर के खिलाफ रासुका के तहत आदेश जारी हुआ था। उसके खिलाफ अलग-अलग थानों में कुल 12 प्रकरण दर्ज हैं। वहीं पुलिस की ओर से भेजे गए नए प्रस्तावों में रितेश निखारे उर्फ मैडी के खिलाफ रासुका और जिला बदर और संतोष उर्फ डैनी साहू के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की गई है।

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ऐसे में चुनाव हो जाने के बाद भी नहीं हो पाएगा आदेश...
वर्तमान में लंबित प्रकरणों पर सुनवाई के नाम पर लगातार तारीख देने और नए प्रकरणों में सुनवाई शुरू नहीं किए जाने से आरोपी लगातार घूम रहे हैं। प्रकरणों की सुनवाई की तरीख पर भी सुनवाई नहीं होने से प्रकरण लगातार लंबित हो रहे हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव संपन्न हो जाने के बाद भी कार्रवाई का आदेश जारी नहीं होगा।

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केस 1. सकरी थानांतर्गत बाजारपारा निवासी विक्की पांडेय के खिलाफ जिला पुलिस मुख्यालय से रासुका की कार्रवाई के लिए जनवरी 2023 में प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा गया था। सकरी समेत अलग-अलग थानों में कुल 17 मामले दर्ज हैं। इन प्रकरणों को जांच के लिए अब तक नहीं भेजा गया है। मामले में 10 सुनवाई हो चुकी हैं। अंतिम सुनवाई 9 अक्टूबर को होनी थी,नहीं हुई।

केस 2. तारबाहर थानांतर्गत चंदुवाभाठा निवासी कृष्णा चौहान के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई के लिए जिला पुलिस मुख्यालय से जुलाई 2023 में प्रस्ताव भेजा गया था। कृष्णा के खिलाफ तारबाहर थाने में कुल 5 गंभीर मामले दर्ज हैं। मामले में अब तक 5 सुनवाई हो चुकी है और अंतिम सुनवाई 16 अक्टूबर को होनी थी, लेकिन उक्त तिथि में सुनवाई नहीं हुई।

केस 3. कुदुदंड निवासी नवीन तिवारी के खिलाफ जिला पुलिस मुख्यालय की ओर से जनवरी 2023 को प्रस्ताव जिला मुख्यालय भेजा गया था। नवीन के खिलाफ कुल 10 मामले सिविल लाइन समेत अन्य थानों में दर्ज हैं। आपराधिक मामलों को जांच के लिए अब तक नहीं भेजा गया है। इस मामले में भी 10 बार सुनवाई हो चुकी है और अंतिम सुनवाई 9 अक्टूबर को होनी थी, नहीं हो पाई।

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17 मामलों में अब तक सुनवाई नहीं: पुलिस की ओर से रासुका के तहत जिले भर के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में रहने वाले 19 आरोपियों के खिलाफ रासुका और जिला बदर की कार्रवाई के एक महीने पहले प्रस्ताव भेजा गया था। इनमें से 2 प्रकरणों में तत्काल आदेश जारी कर दिया गया, लेकिन शेष 17 मामलों में अब तक सुनवाई शुरू नहीं हुई है। इनमें सिविल लाइन थाना क्षेत्र के तुलसी सारथी, राजा पात्रे, कोटा थाना क्षेत्र के अभिलाष साहू, राशिद खान,अंकुश सिंगरौल, सकरी थाना क्षेत्र के राहुल माखीजा, सुनील कुर्रे, यशवंत लोहार , विनोद साहू, पचपेड़ी थाना क्षेत्र के नूतन लहरे, सीपत थाना क्षेत्र के राजकुमार केवट, कोतवाली थाना क्षेत्र के संतोष उर्फ तना यादव, सुहेल खान,तखतपुर थाना क्षेत्र के गजेन्द्र उर्फ तब्बू मिरी,बिल्हा थाना क्षेत्र के सन्नी अरोरा, मस्तूरी थाना क्षेत्र के प्रदीप सोनी, सरकंडा थाना क्षेत्र के धीरेन्द्र वैष्णव शामिल हैं।

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कलेक्टर अवनीश शरण ने कहा-

नियम के तहत प्रकरणों की सुनवाई की जा रही है। नई पदस्थापना के बाद एक भी सुनवाई किए बिना आदेश जारी नहीं किया जा सकता। प्रकरणों की स्थिति के अनुसार नियमानुसार सुनवाई कर आदेश जारी किए जाएंगे।