
CG News: जिला सत्र न्यायालय में खुला दो बिस्तरों का हॉस्पिटल
बिलासपुर। CG News: जिला सत्र न्यायालय में रोजाना 15 से अधिक अधिवक्ता व 5 हजार से अधिक पक्षकार सुनवाई के लिए पहुंचते हैं। कई बार मेडिकल इमरेंजी होने पर जिला हॉस्पिटल में उपचार न मिलने पर अप्रिय घटना की आशंका बनी रहती है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए लम्बे समय से परिसर में हॉस्पिटल की मांग उठ रही थी। अधिवक्ताओं की मांग को देखते हुए हाइकोर्ट व डिस्ट्रिक्ट जज की पहल पर जिला सत्र न्यायालय में दो बिस्तरों का हॉस्पिटल खोला गया है।
जिला सत्र न्यायालय में हॉस्पिटल खुलने के बाद रोजाना पहुंचने वालोँ को समय पर उपचार की बेहतर सुविधा मिल सके, इसके जिला अधिवक्ता संघ के माध्यम के लगातार प्रयास से दो बेड का हॉस्पिटल खुल गया है।
हॉस्पिटल में आूक्सीजन सिलेंडर के साथ जरूरत की सभी दवाइया उपलब्ध हैँ। जिला सत्र न्यायालय में बोडला कवर्धा से रिटायर्ड सीएमओ डॉक्टर पीएल कुर्रे, संविदा चिकित्सक व मोहल्ला क्लीनिक में वर्तमान पदस्थ हैँ, यह अपनी सेवा दे रहे हैँ।
ये सुविधा है हॉस्पिटल में
जिला न्यायालय परिसर में खुले दो बिस्तरों वाले हॉस्पिटल में पेशेंट को तत्काल प्रारंभिक उपचार की सुविधा मिल सके इसके लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है। बार कौंसिल अध्यक्ष चंद्र शेखर बाजपेयी के सहयोग से दो ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराया गया है। हॉस्पिटल में बल्ड टेस्ट की सारी व्यवस्था के साथ ही ब्लड शुगर व ब्लड प्रेशर जांच की सुविधा व आवश्यक दवाइयां उपलब्ध हैं।
अधिवक्ता की मृत्यु के बाद उठी थी मांग
जिला सत्र न्यायालय के सीनियर अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव पैरवी का पैरवी के दौरान हालत बिगड़ गई। हॉर्ट अटैक आने की वजह से वह अपनी कार निकाल कर उपचार के लिए अस्पताल जाने निकले थे। कलेक्टर परिसर के सामने पहुंचे थे, इस दौरान उसकी मौत हो गई थी। समय पर उपचार न मिलने की वजह से हुई उनकी मृत्यु के बाद जिला न्यायालय परिसर में हॉस्पिटल खोलने की मांग लगातार उठ रही थी।
रोजाना 50 से अधिक अधिवक्ता व पक्षकार ले रहे फायदा
जिला सत्र न्यायालय में खुले दो बिस्तरों वाले हॉस्पिटल में रोजाना 50 से अधिक अधिवक्ता व पक्षकार पहुंच रहे हैं। न्यायालयीन कार्य की वजह से अधिवक्ता व पक्षकारों को मानसिक तनाव से गुजरना पड़ता है। इस तनाव की वजह से अधिवक्ता व पक्षकार का बीपी व शुगर कई बार बढ़ या घट जाता है। ऐसे में हॉस्पिटल इनके प्राथमिक उपचार के लिए काफी मददगार साबित हो रहा है।
जिला सत्र न्यायालय में 15 से अधिक वकील, 4 सौ कर्मचारी, न्यायाधीश व 5 हजार से अधिक पक्षकार पहुंचते हैं। न्यायालय में कई बार लोग बीमार पड़ जाते हैं। प्रारंभिक उपचार की व्यवस्था न होने की वजह से काफी परेशानी होती थी। न्यायालय परिसर में लम्बे समय से हॉस्पिटल की मांग की जा रही थी। हाईकोर्ट चीफ जस्टिस व न्यायाधीश रमा शंकर प्रसाद के प्रयास से हॉस्पिटल में दो बिस्तरों का हॉस्पिटल खुला है। यहां सीनियर डॉक्टर सुबह से शाम तक अपनी सेवा दे रहे हैं।
चंद्रशेखर बाजपेयी, अध्यक्ष बार काउंसिल जिला सत्र न्यायालय।
Published on:
02 Nov 2023 04:14 pm
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