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बेटियां फिर आसमान पर… 10वीं की प्रावीण्य सूची में उत्कर्ष ने 9वां और राधिका ने 10वां स्थान किया हासिल, जानें कैसे मिली सफलता?

CG Board Result: माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर द्वारा आयोजित हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल परीक्षा परिणाम में बिलासपुर जिले का हाई स्कूल परीक्षा का औसत परिणाम 75.60 रहा।

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बेटियां फिर आसमान पर… 10वीं की प्रावीण्य सूची में उत्कर्ष ने 9वां और राधिका ने 10वां स्थान किया हासिल, जानें कैसे मिली सफलता?

CG Board Result: माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर द्वारा आयोजित हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल परीक्षा परिणाम में बिलासपुर जिले का हाई स्कूल परीक्षा का औसत परिणाम 75.60 रहा। जिसमें बालक 69.43 एवं बालिका 80.55 प्रतिशत उत्तीर्ण हुए। राज्य में बिलासपुर जिला हाई स्कूल परीक्षा परिणाम में 19वें स्थान पर रहा।

इसी तरह हायर सेकण्डरी स्कूल परीक्षा का औसत परिणाम 82.87 रहा जिसमें बालक 78.08 एवं बालिका 86.56 प्रतिशत से उत्तीर्ण हुए। राज्य में बिलासपुर जिला हायर सेकण्डरी स्कूल परीक्षा परिणाम में 17 वें स्थान पर रहा। पिछले साल की अपेक्षा दोनों बोर्ड कक्षाओं में 9 फीसदी सफलता बढ़ी है। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने प्रावीण्य सूची में स्थान हासिल करने वाले 10वीं के छात्र उत्कर्ष केशरवानी, और राधिका दिघ्रस्कर को मुंह मीठा कराकर बधाई और शुभकामनाएं दी। दोनों को प्रावीण्य सूची में क्रमश: 9वां और 10वां स्थान मिला है।

पढ़ाई का कोई फिक्स समय नहीं, जब भी मन किया तब तैयारी की

स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल मंगला के छात्र उत्कर्ष केशरवानी ने दसवीं बोर्ड परीक्षा में प्रावीण्य सूची में नौवां स्थान हासिल किया है। उत्कर्ष ने अपनी सफलता का श्रेय अपने बड़े भाई के मार्गदर्शन, मां के आशीर्वाद और शिक्षकों के सहयोग को दिया।

उन्होंने बताया, मेरे बड़े भाई ने हर कदम पर मेरा मार्गदर्शन किया। इसके साथ ही मेरी मां और शिक्षकों ने भी पढ़ाई में मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया। पढ़ाई के तरीके पर बात करते हुए उत्कर्ष ने बताया कि उन्होंने कोई निश्चित समय तय नहीं किया। उन्होंने कहा, जब भी समय मिलता, मैं पढ़ाई करता था। खासकर सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई करने से काफी फायदा मिला। रोज सुबह 2 घंटे की पढ़ाई ने मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया।

इंजीनियर बनना है सपना

उत्कर्ष का सपना है कि वह एक सफल इंजीनियर बनें। उन्होंने कहा, पिता के निधन के बाद घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। मां मार्केटिंग फील्ड में काम करती हैं और उनके वेतन से ही पूरे परिवार का गुजारा होता है। मेरा सपना है कि इंजीनियर बनकर मैं अपनी मां की मदद करूं और उन्हें एक बेहतर जीवन दूं।

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आधा घंटे मोबाइल का उपयोग, सोशल मीडिया से दूरी से मिला मुकाम

ड्रीमलैण्ड स्कूल की छात्रा राधिका दिघ्रस्कर ने प्रावीण्य सूची में 10वां स्थान हासिल किया है। राधिका ने इस सफलता का श्रेय परिवार और शिक्षकों को दिया। उन्होंने बताया कि मेरी सफलता का मूल कारण है। मैंने दिन में 7 से 8 घंटे पढ़ाई की और सोशल मीडिया तथा अन्य व्यस्तताओं से दूरी बनाए रखी। मोबाइल फोन का इस्तेमाल भी केवल आधे घंटे तक किया।

राधिका का अगला लक्ष्य जेईई परीक्षा उत्तीर्ण कर इंजीनियर बनना है। इसके लिए उसने तैयारी भी शुरू कर दी है। राधिका के माता-पिता ने कहा कि यह सफलता हमारी बिटिया के कठिन परिश्रम और अनुशासन का परिणाम है। हम हमेशा उसके साथ है और उसके हर सपने को पूरा करने में मदद करेंगे।

जिले में बोर्ड परीक्षा के परिणाम पर एक नजर

फर्स्ट डिवीजन में बालक से बालिकाएं दोगुना ज्यादा

12वीं में जिले में बालक से दो गुना ज्यादा बालिकाएं फर्स्ट डिवीजन से उत्तीर्ण हुईं है। परीक्षा में कुल 15394 ने पंजीयन कराया था, जिसमें 15207 परीक्षा में शामिल हुए। 2015 बालक और 4000 बालिकाएं फर्स्ट डिवीजन में उत्तीर्ण हुईं है। 2857 बालक और 3292 बालिकाएं द्वितीय श्रेणी में पास हुईं है।