प्रो. गोहे का कहना है कि उन्होंने अपने कॉलेज जमाने से साइकिलिंग की शुरुआत की थी। तब से लेकर लगातार नियमित रूप से साइकिलिंग कर रहे हैं। उरनका कहना है कि साइकिलिंग करने से पूरी तरह स्वस्थ रहा जा सकता है। कई लोग जो घुटने की समस्या से जूझ रहे थे, उन्हें भी साइकिलिंग की सलाह दी, नतीजतन आज वे पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। वे लगातार युवाओं और बुजुर्गों को इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं। उनका कहना है कि जो लोग शहर में ही रह कर काम-काज करते हैं, उन्हें व्हीकल के रूप में साइकिल को ही प्राथमिकता देनी चाहिए। इससे उनका शरीर तो स्वस्थ रहेगा ही, शहर में बढ़ रहे प्रदूषण को भी काफी हद तक रोका जा सकता है।
कोरोनाकाल में लोगों को करते रहे मोटिवेट प्रो. रमेश कोरोनाकाल में अपनी साइकिलिंग का दायरा बढ़ा कर स्वयं को स्वस्थ, रखा। साथ ही लोगों को भी इसके लिए मोटीवेट करते रहे। उनका कहना है कि आज (World Cycle Day) जब पूरी पृथ्वी ग्लोबल वार्मिंग के दौर से गुजर रही है, इससे बचने के लिए ईंधन वाले वाहनों का उपयोग कम कर साइकिल को बढ़ावा देना चाहिए। इससे पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
राइडिंग क्लब भी शहरवासियों को कर रहा प्रेरित शहर में राइडिंग क्लब ग्रुप भी लोगों को साइकिलिंग के प्रति जागरूक कर रहा है। इस ग्रुप में शामिल सदस्य 50 किलोमीटर तक रोजाना साइकिलिंग करते हैं। सुबह 6 बजे रिवर व्यू पॉइंट से इनकी साइकिलिंग शुरू होती है। वर्ल्ड साइकिल डे पर शनिवार को क्लब (World Cycle Day) के तत्वावधान में महारैली का आयोजन होगा। साइकिल रैली कल सुबह 6 बजे रिवर व्यू प्वाइंट से स्टार्ट होगी। शहर भ्रमण करते हुए यहीं आकर समाप्त होगी।