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इस जोन के 310 रेलवे स्टेशन हुए हाइटेक, स्टेशन में ट्रेन दाखिल होने से पहले अलार्म करेगा अलर्ट

- एसईसीआर जोन के तहत आने वाले 310 रेलवे स्टेशन हुए डिजिटली इंटर लॉक्ड, सुरक्षा व संरक्षा को मिली रफ्तार - पुराने लीवर फ्रेम आधारित सिस्टम को हटा कर किया गया आधुनिक, ट्रेन के स्टेशन में आते ही बर्जर करता है अलर्ट

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Zone's 130 railway stations become hi-tech, alarm will alert before tr

इस जोन के 310 रेलवे स्टेशन हुए हाइटेक, स्टेशन में ट्रेन दाखिल होने से पहले अलार्म करेगा अलर्ट

बिलासपुर. एसईसीआर रेलवे जोन ने सुरक्षा व संरक्षा को देखते हुए जोन के अंतर्गत आने वाले 310 रेलवे स्टेशन को डीजिटली इंटर लॉक्ड प्रणाली से लैस कर दिया है। इंटर लॉकिंग प्रणाली के तहत यार्ड या स्टेशन में खड़ी ट्रेनों को पूरी तरह से मोनेटरिंग किया जा सकता है। इंटर लॉक्ड प्रणाली की खासियत है कि अगर किसी ट्रैक पर ट्रेन खड़ी तो वह दूसरी ट्रेनों को जाने का सिग्नल ही नहीं दे सकता। सुरक्षा व संरक्षा के लिहाज से जोन ट्रेनों का बेहतर परिचालन कर रहा है।

सुरक्षित ट्रेन परिचालन व सरंक्षा को ध्यान में रखते हुए एसईसीआर जोन ने अपने पुराने ट्रेन परिचालन की विधी गेयर लिवर (गन) को दरकिनार करते हुए आधुनिक व सुरक्षित डीजिटली इंटर लॉक्ड सिस्टम में तबदील किया है। सुरक्षित ट्रेन परिचालन को लेकर डीजिटली इंटर लॉक्ड सिस्टम बेहतर साबित हो रहे है।

डीजिटल इंटर लॉक्ड के लगने से स्टेशनों में मेन पावर तो कम हुआ ही साथ ही ट्रेनों के आने व जाने पर खुद बर्जर (हार्न) के माध्यम से स्टेशन मास्टर को अलर्ट करता है व ट्रेन की एक्जीट लोकेशन को बताया है। डीजिटली इंटर लॉक्ड प्रणाली लगने से ट्रेनों की रफ्तार के साथ सुरक्षा मानको को लेकर जो सवालिया निशान लगा करते थे, इससे रेलवे को काफी हद तक राहत मिली है।

पुराने सिस्टम में लगते थे तीन कर्मचारी

पुराने लीवर फ्रेम से ट्रेनों के पूर्व संचालन किया जाता था। पुराने लीवर फ्रेम में स्टेशन मास्टर को यार्ड से स्टेशन के दोनों एंड में एक एक कर्मचारी नियुक्त करना पड़ता था। जो ट्रेने स्टेशन में दाखिल होते ही स्टेशन मास्टर को अलर्ट किया करते थे। स्टेशन मास्टर उन कर्मचारियों से संकेत मिलने पर ट्रेनों को ट्रेक खाली होने के आधार पर ग्रीन सिग्नल दिया करते थे।

डिजिटली इंटर लॉक्ड में अलार्म करता है अलर्ट

रेलवे बोर्ड के निर्देश पर एसईसीआर जोन ने अपने 310 रेलवे स्टेशन को डिजिटली इंटरलॉक्ड स्टेशन (इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग) बनाने का काम पूरा किया है। डिजिटली इंटरलॉक्ड स्टेशन बनाने के बाद ट्रेनों के परिचालन में डिजिटल प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने व सुरक्षा बढ़ाने के लिए सिस्टम लगाए गए है। सिस्टम अलार्म व पाइंट के अधार पर स्टेशन मास्टर को ट्रेनों के स्टेशन में आने व जाने के बाद स्वतः ही लाइन को क्लीयर स्टेशन मास्टर को सचेत करता रहता है।

यात्रियों की सुरक्षित व आरामदायक यात्रा के साथ संरक्षित रेल परिचालन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सिग्नल तथा प्वाइंट का इंटरलॉक्ड पद्धति से ऑपरेशन करना संरक्षित रेल परिचालन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है ।

साकेत रंजन, सीपीआरओ, एसईसीआर जोन