
Health benefits of deep breathing
7 great benefits of deep breathing : सांस ही प्राण है। इसलिए हमारे यहां ऑक्सीजन को भी प्राणवायु कहा गया है। यही वजह है कि सदियों से हमारी संस्कृति और रोजमर्रा के जीवन में प्राणायाम को प्रभावी माना गया है। नए दौर में विदेशी भी मानने लगे हैं कि यदि हमें अच्छा स्वास्थ्य और जीवन चाहिए तो अपनी हर एक सांस पर ध्यान देना होगा। अपनी आने-जाने वाली संास पर ध्यान देने से न सिर्फ हम शारीरिक बल्कि मानसिक विकारों से भी दूर रह सकते हैं। सांस हमारे तनाव, बेचैनी और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर सकती है। अच्छी सांस तन और मन में सात आश्चर्यजनक बदलाव ला सकती है लेकिन इसके लिए अभ्यास की जरूरत है।
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Deep breathing increase brain power दिमागी क्षमता में वृद्धि
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हुए शोध के अनुसार मेडिटेशन से हमारे मस्तिष्क का आकार विस्तार लेता है (कार्टेक्स हिस्से की मोटाई बढऩे लगती है)। इससे मस्तिष्क की तार्किक क्षमता में बढ़ोतरी होती है। सोने के बाद गहरी सांस लेने का अभ्यास दिमागी क्षमता को बढ़ाता है।
Deep breathing improve heart rate दिल की धडक़न में सुधार
मेडिकल साइंस की रिसर्च में यह पाया गया कि दिल की दो धडक़नों के बीच अंतर होता है जिसे लो हार्ट रेट वैरिएबिलिटी के नाम से जाना जाता है। ऐसे में दिल के दौरा का अंदेशा बहुत ज्यादा होता है। गहरी सांस वाले प्राणायाम के जरिए इस स्थिति को सुधारा जा सकता है।
Deep breathing stress reduction, peace of mind तनाव में कमी, मन को शांति
कमजोर सांस तनाव की स्थिति में शरीर को लडऩे की पूरी ताकत नहीं देती। लेकिन यदि केवल सांसों पर ध्यान लगाएं तो मन की आकुलता घटती है। गहरी सांस से नर्वस सिस्टम उत्तेजना, प्रेरणा वाली पैरा सिम्पेथेटिक स्थिति में चला जाता है, जो मन को आराम, सुकून की स्थिति होती है।
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freedom from negativity नकारात्मकता से मुक्ति
अधिकांश लोग जब पीड़ा या तनाव में होते हैं तो उनकी सांसे उखड़ी रहती हैं। यह हमारे शरीर की कुदरती प्रतिक्रिया होती है। अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करने के किसी भी व्यायाम से बेचैनी, अवसाद, गुस्से और घृणा से भरे नकारात्मक विचारों को दूर करने में मदद मिलती है।
patience in times of challenge चुनौती की घड़ी में संयम
विदेशी पत्रिका ‘टीचिंग एंड लर्निंग’ में प्रकाशित एक स्टडी में बताया गया कि जो बच्चे अपनी परीक्षा से पहले गहरी सांस लेना सीख जाते हैं उनका ध्यान बढ़ता है और याद किए पाठ को दोहराने की योग्यता में सुधार होता है।
Deep breathing control blood pressure ब्लड प्रेशर पर काबू
हर रोज महज कुछ मिनटों के लिए गहरी सांस लेने और छोडऩे का अभ्यास काफी हद तक आपके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर सकता है। गहरी सांस लेने से शरीर शांत स्थिति में आता है। ऐसा होने पर इससे रक्त वाहिनियों को अस्थायी रूप से खून को पूरे शरीर में नियंत्रित दबाव के साथ पहुंचाने में मदद मिलती है।
Deep breathing positive change in gene जीन में सकारात्मक बदलाव
यह सबसे बड़ा और बेहद महत्वपूर्ण बदलाव है जो सचमुच इस तरह होता है कि हमें पता ही नहीं चलता। संभवत: इसके अच्छे परिणाम हमें हमारी आने वाली पीढिय़ों में नजर आते हैं। योगा, प्राणायाम और ध्यान के माध्यम से सांसों की गति को नियंत्रित करने से हमारी जेनेटिक संरचना में प्रभावी बदलाव होते हैं। इसमें केवल तन ही नहीं बल्कि मन के स्तर पर भी परिवर्तन होते हैं। इससे हमारे अच्छे जीन ज्यादा संवेदनशील बनते हैं।
भारतीय मनीषियों के कथन
स्वांस भावों से जुड़ी है। भाव को बदलो, सांस बदल जाएगी। क्रोध आए लेकिन अपनी सांस को डोलने मत देना। ऐसे समय में सांस को स्थिर रखना और शांत रहना।
रजनीश ओशो, दार्शनिक
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प्राणायाम फेफड़ों को स्वस्थ रखने वाला, रक्त को शुद्ध, शरीर के अंग-प्रत्यंगों को चैतन्यता देने वाला और पाचन शक्ति बनाए रखने वाला है इसलिए यह आरोग्य और दीर्घ जीवन देने वाला भी है।
आचार्य पंडित श्रीराम शर्मा,
गायत्री परिवार के संस्थापक
Published on:
26 Jul 2023 12:52 pm
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