25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

भैंस मरी किसान की, कीमत चुकाएगा डिस्कॉम

डीपी की ताण में करंट आने से मरी भैंस, डिस्कॉम पशुपालकों को अदा करेगा मूल्य जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच ने दिया फैसला

2 min read
Google source verification

image

Shyam Lal Choudhary

Feb 11, 2017

नागौर. जोधपुर विद्युत वितरण निगम निमिटेड के एमडी एवं लाडनूं सहायक अभियंता को नागौर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच ने करंट आने से मरी भैंस की क्षतिपूर्ति के रूप में लाडनूं तहसील क्षेत्र के सुनारी निवासी हरजीराम पुत्र गिरधारीराम को 60 हजार रुपए ब्याज साहित अदा करने आदेश दिए हैं।

जानकारी के अनुसार सुनारी निवासी हरजीराम ने अधिवक्ता शिवचंद पारीक के माध्यम से जिला उपभोक्ता मंच के समक्ष परिवाद पेश कर बताया कि उसके पिता गिरधारीराम के नाम से कृषि कनेक्शन ले रखा था। गिरधारीराम की मृत्यु के बाद इस कनेक्शन का उपयोग व उपभोग परिवादी एवं उसके परिवार के लोग बतौर उत्तराधिकारी करते आ रहे हैं।

इस स्थिति में वे अप्रार्थी जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के उपभोक्ता हैं। परिवादी ने बताया कि उसके कृषि परिसर में अप्रार्थीगण द्वारा ट्रांसफार्मर लगाकर उसकी सपोर्ट के लिए दो ताणें लगा रखी हैं एवं इसी ट्रांसफार्मर के जरिए ११ हजार केवी लाइन से परिवादी के कृषि परिसर पर विद्युत सप्लाई की जाती है।

5 सितम्बर २2011 की शाम को करीब 5 बजे परिवादी की भैंस चरते हुए इन ताणों के सम्पर्क में आ गई, जिससे उसके करंट आ गया और मौत हो गई। इस पर उसने भैंस की क्षतिपूर्ति के बदले 60 हजार रुपए मुआवजा देने के लिए आवेदन किया, लेकिन जोधपुर डिस्कॉम ने क्षतिपूर्ति देने से मना कर दिया। मंच के समक्ष अप्रार्थीगण ने भी अपना पक्ष रखते हुए अधिकांश तथ्यों को अस्वीकार कर दिया। उन्होंने बताया कि परिवादी ने उपभोक्ता की मृत्यु के बाद विद्युत सम्बन्ध का अंतरण नहीं करवाया। एेसी स्थिति में परिवादी विद्युत सम्बन्ध में हिताधिकारी नहीं है। जिला उपभोक्ता मंच के अध्यक्ष ईश्वर जयपाल, सदस्य बलवीर खुड़खुडि़या एवं राजलक्ष्मी आचार्य ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद परिवादी हरजीराम द्वारा प्रस्तुत परिवाद को स्वीकार करते हुए आदेश दिया कि अप्रार्थीगण परिवादी को उसकी भैंस की क्षतिपूर्ति राशि ६० हजार रुपए प्रदान करें। इसके साथ क्षतिपूर्ति राशि पर परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि १४ अगस्त २०१२ से ९ प्रतिशत ब्याज एवं मानसिक परेशानी व परिवाद व्यय के ५ हजार रुपए अदा करने होंगे। आदेश की पालना एक माह में करनी होगी।

ये भी पढ़ें

image