
इस फिल्म का निर्देशन रवि टंडन ने किया था. ये अपने समय की जबरदस्त फिल्मों मे से एक थी. इस फिल्म को फिल्म अमिताभ ने अपने दोस्त और फिल्म एक्टर और कॉमेडियन महमूद अली के भाई अनवर अली को आर्थिक तौर पर उबारने के लिए बनाई थी. अनवर अली आज भी इसके लिए अमिताभ बच्चना का अहसान मानते थे. जब अमिताभ फिल्म इंडस्ट्री में अपना स्थान बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, तब अनवर अली ने अमिताभ को रहने के लिए छत दी थी. साथ ही उनके खाने-पीने का इंतजाम भी किया था. उस वक्त अमिताभ बच्चन गरीबी की दौर से गुजर रहे थे और अनवर अली ने आर्थिक तौर पर उनकी मदद की थी.

अपने संघर्ष के दिनों से लड़ते हुए अमिताभ बच्चन सुपरस्टार बन गए. अमिताभ बच्चन का करियर बनाने के पीछ अनवर अली का हाथ है ये कहना गलत नहीं होगा, क्योंकि उनके कहने पर ही अमिताभ बच्चन को साल 1973 में रिलीज हुई फिल्म 'बॉम्बे टू गोवा'में लीड रोल मिला था. इसके बाद साल 1980 के आसपास अनवर अली अचानक ही आर्थिक संकट में घिर गए. दरअसल, किसी बात से नाराज होकर मेहमूद ने अपने भाई अनवर अली को घर से और अपनी कंपनी से निकाल दिया था. इतना ही नहीं उन्होंने उनसे कार की चाबी तक ले ली थी. अनवर अली मुसीबत में फंस गए. अनवर अली अपने सबसे बड़े भाई उस्मान अली के पास पहुंचे.

उस्मान अली का एक दोस्त मदद के लिए तैयार हो गया, लेकिन उसने एक शर्त ये रख दी कि अमिताभ बच्चन को लेकर अनवर अली एक फिल्म प्रोड्यूस करें तभी वो उनकी मदद करेंगे. उनका मानना था कि अमिताभ बच्चन की फिल्म से ही कमा कर पैसा लौटा पाएंगे. अनवर अली ने अमिताभ बच्चन के पास जाकर उनकी अपनी आर्थिक तंगी के बारे में और उनको घर से निकाल दिया गया ये सारी बातें बताई और अमिताभ बच्चन फौरन काम करने के लिए तैयार हो गए. अमिताभ बच्चन ने साइनिंग अमाउंट लेने से भी मना कर दिया. अमिताभ बच्चन ने एक शर्त रखी कि कहानी के लिए लेखक उनकी पसंद का होगा. अनवर मान गए.

पहले सलीम जावेद से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने बहुत ज्यादा पैसे मांगे. इसके बाद अमिताभ बच्चन ने कादर खान को कहानी लिखने के लिए कहा. निर्देशक की बागडोर अमिताभ ने रवि टंडन को सौंप दी. सभी से कहा गया कि उनकी मार्केट प्राइस नहीं मिलेगी. हीरोइन के रूप में रेखा को चुना गया था, लेकिन किसी वजह से वो फिल्म में काम नहीं कर पाईं. इसके बाद उनकी जगह पर एक्ट्रेस परवीन बाबी साइन किया गया और जब फिल्म आधी बन कर तैयार हुई तो परवीन बाबी, रजनीश (ओशो) की चेली बन गईं और फिल्म लटक गईय किसी तरह फिल्म पूरी कर रिलीज की भई और ये सुपरहिट साबित हुई. इस तरह से अमिताभ बच्चन ने अनवर अली को आर्थिक संकट से उबार लिया.