scriptAmrish Puri Birthday: ‘मोगैंबो खुश हुआ’ से लेकर ‘जा सिमरन जा तक’, अमरीश पुरी ने दिए हैं बेहतरीन डायलॉग्स | Amrish Puri Birthday: Best 10 Dialogues of amrish puri movies | Patrika News

Amrish Puri Birthday: ‘मोगैंबो खुश हुआ’ से लेकर ‘जा सिमरन जा तक’, अमरीश पुरी ने दिए हैं बेहतरीन डायलॉग्स

locationनई दिल्लीPublished: Jun 22, 2020 07:44:57 am

Submitted by:

Sunita Adhikari

अमरीश पुरी ने विलेन (Amrish Puri Villain) के रूप में दर्शकों का दिल जीता। जिस फिल्म में वो होते थे हीरो से ज्यादा उनकी चर्चा होती थी। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को विलेन के रूप में अनेक किरदार दिए हैं।

amrish_puri_10_best_dialogues.jpg

Happy Birthday Amrish Puri

नई दिल्ली: फिल्म इंडस्ट्री के सबसे पॉपुलर विलेन अमरीश पुरी (Amrish Puri Birthday) का जन्म 22 जून 1932 में हुआ था। भले ही आज वह हमारे बीच न हो। लेकिन अपनी फिल्मों (Amrish Puri Movies) के जरिए अमरीश पुरी ऐसा करिश्मा छोड़कर गए हैं कि उनके किरदार आज भी लोगों के फेवरिट हैं।
अमरीश पुरी ने विलेन (Amrish Puri Villain) के रूप में दर्शकों का दिल जीता। जिस फिल्म में वो होते थे हीरो से ज्यादा उनकी चर्चा होती थी। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को विलेन के रूप में अनेक किरदार दिए हैं। इसके साथ ही फिल्मों में दमदार अभिनय और बेहतरीन डायलॉग के लिए अमरीश पुरी को कई पुरस्कार भी मिले हैं। उनके डायलॉग आज भी लोगों को मुंहजुबानी याद हैं। तो चलिए आज बात करते हैं उनके बेहतरीन डायलॉग्स (Amrish Puri Dialogues) के बारे में-
फूल और कांटे– जवानी में अक्सर ब्रेक फेल हो जाया करता है।

एतराज– आदमी के पास दिमाग हो तो अपना दर्द भी बेच सकता है।

शहशांह– टिप बाद में देना तो एक रिवाज है, पहले देना अच्छी सर्विस की गारंटी होती है।
मिस्टर इंडिया– मोगैंबो खुश हुआ

दामिनी– ये अदालत है, कोई मंदिर या दरगाह नहीं जहां मन्नतें और मुरादें पूरी होती हैं यहां धूप बत्ती और नारियल नहीं,बल्कि ठोस सबूत और गवाह पेश किए जाते हैं।
इरादा– गलती एक बार होती है, दो बार होती है, तीसरी बार इरादा होता है।

फूल और कांटे– अपनी किसी प्यारी चीज पर जब चोट का एहसास लगता है तो दिल में दर्द जाग उठता है।
मुकद्दर का सिकंदर– नए जूतों की तरह शुरू में नए अफसर भी काटते हैं।

दीवाना– दुनिया की नजर में मरे हुए लोग कभी जिंदा नहीं हुए नहीं तो जिंदगी परेशान हो जाती।

दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे– जा सिमरन जा जी ले अपनी जिंदगी।
आपको बता दें कि अमरीश पुरी ने 30 साल की उम्र में बॉलीवुड डेब्यू किया था। देव आनंद की फिल्म प्रेम पुजारी (1970) में उनका छोटा सा रोल था। इसके बाद 1972 में उन्होंने फिल्म रेशमा और शेरा में काम किया जिससे उन्हें पहचान मिली।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो