11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अमरीश पुरी: कड़क आवाज वाले इस विलेन ने खलनायिकी को दी नई पहचान

अमरीश पुरी खुद अपने आप में चलते फिरते अभिनय प्रशिक्षण संस्था थे

2 min read
Google source verification

image

Mahendra Yadav

Jun 21, 2018

Amrish puri

Amrish puri

बॉलीवुड में अमरीश पुरी को एक ऐसे अभिनेता के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने अपनी कड़क आवाज रौबदार भाव भंगिमाओं और दमदार अभिनय के बल पर खलनायकी को एक नई पहचान दी । रंगमंच से फिल्मों के रूपहले पर्दे तक पहुंचे अमरीश पुरी ने करीब तीन दशक में लगभग 250 फिल्मों में अभिनय का जौहर दिखाया। आज के दौर में कई कलाकार किसी अभिनय प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षण लेकर अभिनय जीवन की शुआत करते हैं जबकि अमरीश पुरी खुद अपने आप में चलते फिरते अभिनय प्रशिक्षण संस्था थे ।

श्रम मंत्रालय में की नौकरी:
पंजाब के नौशेरां गांव में 22 जून 1932 में जन्में अमरीश पुरी ने अपने कॅरियर की शुरूआत श्रम मंत्रालय में नौकरी से की और उसके साथ साथ सत्यदेव दुबे के नाटकों में अपने अभिनय का जौहर दिखाया। बाद में वह पृथ्वी राज कपूर के 'पृथ्वी थियेटर' में बतौर कलाकार अपनी पहचान बनाने में सफल हुए। पचास के दशक में अमरीश पुरी ने हिमाचल प्रदेश के शिमला से बीए पास करने के बाद मुंबई का रूख किया । उस समय उनके बड़े भाई मदनपुरी हिन्दी फिल्म में बतौर खलनायक अपनी पहचान बना चुके थे।

पहले स्क्रीन टेस्ट में हुए फेल:
वर्ष 1954 में अपने पहले फिल्मी स्क्रीन टेस्ट में अमरीश पुरी सफल नहीं हुए। उन्होंने 40 साल की उम्र में अपने फिल्मी जीवन की शुरूआत की थी। वर्ष 1971 मे बतौर खलनायक उन्होंने फिल्म 'रेशमा और शेरा' से अपने कॅरियर की शुरूआत की लेकिन इस फिल्म से दर्शकों के बीच वह अपनी पहचान नहीं बना सके। उनके उस जमाने के मशहूर बैनर बाम्बे टॉकिज में कदम रखने बाद उन्हें बडे बड़े बैनर की फिल्में मिलनी शुरू हो गईं। अमरीश पुरी ने खलनायकी को ही अपने कॅरियर का आधार बनाया ।

ना भुलाए जा सकने वाले किरदार:
वर्ष 1983 में प्रदर्शित कलात्मक फिल्म 'अर्द्धसत्य' में उन्होंने जो किरदार निभाया, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। वर्ष 1986 में आई सुपरहिट फिल्म 'नगीना' में उन्होंने एक सपेरे का किरदार निभाया, जो लोगों को बहुत भाया । इस फिल्म में श्रीदेवी और उनका टकराव देखने लायक था। साल 1987 में आई 'मिस्टर इंडिया'। इस फिल्म के लिए ऐसे खलनायक की तलाश थी जो फिल्मी पर्दे पर बहुत ही बुरा लगे। इस किरदार के लिये निर्देशक ने अमरीश पुरी का चुनाव किया जो फिल्म की सफलता के बाद सही साबित हुआ। इस फिल्म मे उन्होंने 'मौगेम्बो'का किरदार निभाया जो कि फिल्म के बाद उनकी पहचान बन गया ।