
अरण्येर दिन रात्रि फिल्म
Cannes 2025 Aranyer Din Ratri: 1970 में बनी महान फिल्मकार सत्यजीत रे की फिल्म ‘अरण्येर दिन रात्रि’ को कांस फिल्म फेस्टिवल 2025 के Cannes Classics सेक्शन में दिखाया गया। इस फिल्म को 6 वर्षों की मेहनत से रिस्टोर किया गया।
इस मौके पर फिल्म की लीड एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर और सिमी गरेवाल उपस्थित रहीं। इस विशेष स्क्रीनिंग की मेजबानी प्रसिद्ध निर्देशक वेस एंडरसन ने की। शर्मिला टैगोर ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें तब इस मूवी का कॉल आया जब वे ‘आराधना’ की शूटिंग कर रही थीं।
उन्होंने कहा-“सत्यजीत रे बोले- ‘क्या तुम मेरी फिल्म करोगी? मुझे मई के महीने में एक महीने के लिए तुम्हारी जरूरत है।’ और मैंने बिना सोचे ‘हां’ कह दिया।”
बाद में उन्हें याद आया कि उसी समय वो शक्ति सामंत की फिल्म ‘मेरे सपनों की रानी’ के लिए कमिटेड थीं। वो कहती हैं-“मैंने शक्ति जी से बात कर किसी तरह डेट्स एडजस्ट कीं और दोनों फिल्मों की शूटिंग पूरी की।”
फिल्म की शूटिंग झारखंड के पलामू इलाके में हुई थी, जहां गर्मी में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। शर्मिला ने कहा-“हम अलग-अलग जगहों पर रुके थे। मेरे पास चौकीदार का कमरा था, जिसमें एक वाटर कूलर था। बाकी साथी एक टिन की छत वाले शेड में रहते थे। वहां काफी गर्मी थी। इसलिए वो मजाक करते- ‘मैं रबी रोस्ट हूं’, ‘मैं सॉटेड शुभेंदु हूं’।”
उन्होंने बताया कि काम केवल सुबह 5:30 से 9 बजे तक और शाम 3 से 6 बजे तक ही होता था, बाकी समय में सब एक-दूसरे बातें करते थे और घुल-मिल गए। शर्मिला टैगोर ने कहा-“सत्यजीत रे चाहते थे कि पेड़ बिना पत्तों के दिखें और वो लुक सिर्फ मई में ही मिलता था। बारिश आने से पहले की सूखे और उजड़े हुई जंगल की फीलिंग फिल्म की थीम के लिए जरूरी थी।”
‘अरण्येर दिन रात्रि’ प्रसिद्ध लेखक सुनील गंगोपाध्याय के उपन्यास पर आधारित है। ये एक बंगाली भाषा की फिल्म है, जिसमें दोस्ती, रिश्ते और जंगल की पृष्ठभूमि पर गहराई से कहानी बुनी गई है। इसमें कुछ दोस्त अपनी रोजमर्रा की जिंदगी से ब्रेक लेने के लिए जंगल जाते हैं। यहां कैसे उनका जीवन बदल जाता है, यही इसकी कहानी है।
Published on:
21 May 2025 12:39 pm
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