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बीएसएफ जवानों संग दौड़ में पीछे रह गए बाहुबली वाले ‘भल्लाल देव’ राणा डग्गुबाती

जैसलमेर के धोरों में राणा डग्गुबाती ने पूरा किया 'मिशन फ्रंटलाइन', जाना सैनिक होने का अर्थ, राणा डग्गुबाती ने 'बीएसफ' के जवानों के साथ ली ट्रेनिंग...

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जयपुर

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Mohmad Imran

Jan 20, 2021

राणा डग्गुबाती ने 'बीएसफ' के जवानों के साथ ली ट्रेनिंग

राणा डग्गुबाती ने 'बीएसफ' के जवानों के साथ ली ट्रेनिंग

अभिनेता राणा डग्गुबाती (Bahubali fame Rana Daggubati) ने 'बेबी' और 'द गाजी अटैक' में देश के लिए मर-मिटने वाले ख़ुफ़िया एजेंट और नेवी कमांडर के किरदार निभाए हैं। वहीं 'बाहुबली' के भल्लाल देव की भूमिका ने उन्हें हिंदी भाषी दर्शकों में भी पहचान दिलाई। बॉॅलीवुड और दक्षिण सिनेमा में बराबर सक्रिय रहने वाले राणा एक बार फिर आर्मीमैन बने हैं। लेकिन इस बार किसी फिल्म में नहीं बल्कि वास्तविक जिंदगी में उन्होंने सैनिकों का जीवन जिया है। एक ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए बनाए गए खास शो 'मिशन फ्रंटलाइन' में राणा, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ or BSF) के जवानों के साथ टास्क और मिशन पूरा करते हुए नजर आएंगे। शो में राणा जवानों की असल जिंदगी, उनसे जुड़ी कहानियां और जज्बे को प्रस्तुत करते नजर आएंगे।

'जवानों के साथ दौड़ में रहा पीछे'
खास बातचीत में राणा ने कहा, 'मुझे बहुत खुशी है कि देश के 'रियल हीरो' के साथ काम करने और उनकी जिंदगी को करीब से जानने का मौका मिला। भारत-पाक सीमा (जैसलमेर) पर जब मैं पहुंचा तो एक सिविलियन था लेकिन शूट के दौरान जिंदगी बदल देने वाला अनुभव हुआ। हर सुबह सलामी देना सीखना, हथियारों और बैगपैक के साथ ड्रिल, कई किमी की दौड़, 8 से 10 फीट की ऊंचाई से हथियारों के साथ कूदना, हर्डल जंप और उसके बाद असली कारतूसों के साथ ट्रेनिंग सूरज ढलने तक चलती। जवानों के साथ रेस में सबसे पीछे रहा था। बीएसएफ की दाल, जैसलमेर के धोरे, ऊंट की सवारी और जवानों संग बिताया गया समय याद रहेगा।

इतिहास से रू-ब-रू होने का अवसर
जवानों के साथ ऊंट पर बैठकर पैट्रोलिंग करते हुए राजस्थान के इतिहास को भी जाना। हम जैसलमेर में मुरार पोस्ट पर रहे। यह क्षेत्र कई युद्धों का गवाह है। सीमा पर जिस तरह का माहौल, तनाव और जिम्मेदारी ये जवान महसूस करते हैं, वह भी जाना। राजस्थान और जैसलमेर से जुड़े किस्से भी सुने। स्कूल में एनसीसी नेवी विंग में था, लेकिन उस वक्त पता ही नहीं था कि इस ट्रेनिंग का क्या मकसद है। बीएसएफ के साथ ट्रेनिंग कर अनुशासन के सही मायने समझा। यह शो सीमा के इन रक्षकों को सम्मान देने के लिए बनाया है, क्योंकि अक्सर देश के प्रहरियों की सेवाओं का महत्त्व हम नहीं जान पाते। (शो 21 जनवरी से discovery+ original पर प्रसारित होगा।)