27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Bhumi Pednekar की मां हुईं इमोशनल, सामने आया वीडियो

Bhumi Pednekar Mother Video: कार में बैठे बॉलीवुड एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर की मां का भावुक वीडियो सामने आया है।

2 min read
Google source verification

मुंबई

image

Saurabh Mall

Aug 15, 2025

Bhumi Pednekar mother emotional Video

भूमि पेडनेकर और उनकी मां सुमित्रा हुड्डा (फोटो सोर्स: एक्ट्रेस इंस्टाग्राम)

Bhumi Pednekar: एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर ने शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस पर अपनी मां का एक वीडियो शेयर किया। इसमें उनकी मां सुमित्रा हुड्डा बता रही हैं कि वह इंडियन आर्मी में जाना चाहती थीं और देश की सेवा करना चाहती थीं, लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका।

वीडियो शेयर करते हुए भूमि ने लिखा, “मां जब फैक्ट्री जा रही थीं, तो मैंने उनका एक भावुक वीडियो बनाया, जिसमें वह अपने इस अधूरे सपने के बारे में बता रही हैं।”

मां सुमित्रा पेडनेकर ने क्या कहा?

इस वीडियो में भूमि की मां सुमित्रा पेडनेकर कहती नजर आ रही हैं, "70 की हो गई हूं, मैं अपने देश को बहुत प्यार करती हूं। हमारे समय में लड़कियों को इंडियन आर्मी में सर्विस नहीं मिलती थी। मेडिकल को छोड़कर किसी अन्य विभाग में महिलाएं यहां सेवा नहीं देती थीं, मैंने इसके लिए लड़ाई लड़ी, क्योंकि मैं एक पैराट्रूपर थी। मैंने दो रिपब्लिक डे परेड में हिस्सा लिया था। जबकि इसमें लोगों को एक भी बार जाने का मौका नहीं मिलता।"

उन्होंने आगे कहा, "मैंने इसके लिए अधिकारियों के सामने आवाज भी उठाई। मैंने उनसे पूछा कि आप हमें इंडियन आर्मी में क्यों नहीं ले जाते हैं। हमारी ट्रेनिंग का क्या फायदा। हमने इतनी कड़ी ट्रेनिंग की है। जैसा की आप जानते हो कि एक पैराट्रूपर के रूप में आपको कड़ी मेहनत करनी होती है और रिपब्लिक डे के लिए सेलेक्ट होना भी बड़ा मुश्किल होता है। मैंने तब सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि इतनी मेहनत का क्या फायदा। लेकिन, अब मैं खुश हूं कि अब महिलाओं को भी आर्मी में सेवा के लिए शामिल किया जा रहा है और ये हमारी आर्मी का बहुत अहम हिस्सा है। तीनों सेनाओं में उन्हें जगह मिल रही है। ये बहुत अच्छा है और मैं इसको लेकर बहुत खुश हूं।"

देश हमेशा सर्वोपरि

भूमि पेडनेकर ने इस पोस्ट में बताया कि "मैं बचपन से ही उनके (मां) और अपने पिता के ऐसे समय की कहानियां सुनती रही हूं जब अवसर कम थे, लेकिन इससे उनके देश के प्रति सपनों और प्रेम पर कोई असर नहीं पड़ा। उनके लिए भारत हमेशा सर्वोपरि था। मुझे भारत के प्रति प्रेम उनसे विरासत में मिला है और मैं अपनी राष्ट्रीयता को सम्मान की निशानी मानती हूं।"