23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

घर से भागकर एक्टिंग में करियर बनाने चले आए थे असरानी मुंबई, ‘शोले’ फिल्म से हुए अमर

'हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं' डायलॉग्स से लाखों दिलों पर राज करने वाले दिग्गज अभिनेता और कॉमेडियन असरानी के लिए फिल्मों में आना कोई आसान बात नहीं थी। उनके माता-पिता उनकी एक्टिंग के बिल्कुल खिलाफ थे। जानिए असरानी ने कैसे बॉलीवुड में जमाए अपने कदम।  

2 min read
Google source verification
Bollywood Actor And Comedian Asrani Struggling Unknown Facts

Bollywood Actor And Comedian Asrani Struggling Unknown Facts

नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा जगत में कई कलाकार ऐसे हैं। जिन्होंने अपनी कला से इंंडस्ट्री में नाम कमाया है। जिनमें से एक हैं असरानी। सुपरहिट फिल्म 'शोले' में जेलर की भूमिका निभाने वाले असरानी का डायलॉग 'हम अंग्रेजों के ज़माने के जेलर हैं' आज भी दर्शकों का फेवरेट है। जब-जब असरानी बड़े पर्दे पर आते लोगों की हंसी थमने का नाम नहीं लेती। वैसे आपको बता दें कि असरानी को बचपन से ही एक्टिंग का काफी शौक था। बताया जाता है कि जब वो छोटे थे तो स्कूल की पढ़ाई छोड़ वो फिल्में देखने चले जाया करते थे।

असरानी के पिता चाहते थे करें सरकारी नौकरी

हर माता-पिता की तरह एक्टर असरानी के पिता भी चाहते थे कि वो अच्छे से पढ़ाई-लिखाई कर सरकारी नौकरी करें, लेकिन असरानी का दिल कहीं और ही लगा था। असरानी अपने आंखों में स्टार बनना का सपना देख चुके थे। पिता की जिद्द को देख असरानी समझ गए थे कि वो कभी एक्टर नहीं बन पाएंगे और उनका सपना अधूरा ही जाएगा। सपना पूरा करने के लिए एक असरानी अपने घर से भागकर मुंबई जा पहुंचे। कुछ समय तक असरानी ने मुंबई में छोटे-मोटे काम किए। जिसके बाद उन्होंने एक्टिंग सिखने का मन बनाया और पुणे फिल्म इंस्टिट्यूट में एडमिशन ले लिया।

भागकर मुंबई आए असरानी को मिलने लगा काम

धीरे-धीरे असरानी को फिल्मों में छोटे-मोटे रोल करने का मौका मिलने लगा। स्ट्रगल के दौरान असरानी को फिल्म सीमा के एक गाने में काम करने का मौका मिला। जब ये गाना असरानी के परिवार वालों ने देखा तो वो उन्हें वापस घर ले जाने के लिए मुंबई आ गए। मुंबई पहुंचने के बाद असरानी के माता-पिता उन्हें वापस घर गुरदासपुर ले गए। लेकिन कुछ समय बाद ही असरानी वापस मुंबई लौट आए।

यह भी पढ़ें- बॉलीवुड में खत्म हो गया कॉमेडियन का रोल: असरानी

ऋषिकेश मुखर्जी ने बदली असरानी की किस्मत

लंबे स्ट्रगल के बाद असरानी की जिंदगी में सुनहरा मौका आया। एक अचानक से उनकी मुलाकात ऋषिकेश मुखर्जी से हुई। उन्होंने असरानी को फिल्म 'सत्यकाम' में रोल दिया। बस इस फिल्म से असरानी का एक्टिंग करियर चल पड़ा। जिसका पूरा श्रेय ऋषिकेश मुखर्जी को जाता है। 'सत्यकाम' मे काम करने के बाद असरानी को फिल्म 'गुड्डी' में काम करने का मौका मिला।

इस फिल्म एक्ट्रेस जया बच्चन लीड एक्ट्रेस थीं। जब फिल्म रिलीज़ हुई तो असरानी की कॉमेडी ने सबका दिल जीत लिया। जिसके बाद वो फिल्म 'अभिमान', 'चुपके-चुपके' जैसी सुपरहिट फिल्मों में शानदार कॉमेडी करते हुए नज़र आए।

यह भी पढ़ें- गुदगुदाने के बजाय रूला गए अग्रेंजों के जमाने जेलर

'शोले' से असरानी हुए अमर

अपनी शानदार एक्टिंग और कॉमेडी से असरानी बॉलीवुड में छा गए। उनकी जिंदगी ने फिर उन्हें नाम और शोहरत कमाने का मौका दिया। साल 1975 में असरानी को सुपरहिट फिल्म शोले में काम करने का मौका मिला। इस फिल्म असरानी एक जेलर की भूमिका में नज़र आए थे। लेकिन उनकी एक्टिंग और डायलॉग्स ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया। आज भी असरानी 'शोले' में अपनी एक्टिंग के लिए वाहवाही लूटते हैं।