एक इंटरव्यू में आशा पारेख ने बताया था फिल्म इंडस्ट्री में राजेश खन्ना के स्टारडम को कोई अगर टक्कर देने वाला एक्टर था तो वह थे देव आनंद’। उन्होंने कहा कि राजेश खन्ना वाली दीवानगी मैंने दोबारा देव साहब के साथ ही देखी थी।
जब भी लोगों के जेहन में देव आनंद का नाम आता है तो लोगों को वहीं स्टारडम याद आ जाता है जो उनके जरिए लोगों को देखने को मिला। उस दौर के तमाम एक्टर और एक्ट्रेसेज का कहना है कि जब भी देव आनंद लोगों के बीच होते थे तो वहां का माहौल संभालना मुश्किल हो जाता था। उनके नाम औऱ शोहरत की कई कहानियां इंडस्ट्री में फेमस हैं। कभी कंधों को उचकाकर तो कभी बालों की लट चेहरे पर लाकर तो कभी गले में मफलर डालकर तो कभी अपनी शर्ट का कॉलर खड़ा कर जब सिल्वर स्क्रीन पर आते थे तो लड़कियां अपनी सुधबुध खो बैठती थीं।
कई स्टार्स आज भी उनसे जुड़े किस्से शेयर करते हुए नजर आते हैं। इंडस्ट्री से बाहर देव आनंद के लिए लड़कियां लाइन लगा कर खड़ी हो जाती थी। हालांकि ऐसा नहीं है कि लड़के उनके फैन नहीं थे, पर लड़कियों का जो हुजूम उमड़ता था वो देखने लायक होता था।
कहते हैं कि देव साहब में ऐसा आकर्षण था कि जब भी वे काला कोट पहनकर निकलते थे तो लड़कियां जान देने के लिए तैयार हो जाती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो देव साहब का काला कोट पहन कर निकलना बैन कर दिया गया था।
उनके स्टारडम का किस्सा खुद एक्ट्रेस आशा पारेख ने एक बार साझा किया था। दरअसल सन 1970 में एक फिल्म आई थी ‘महल’। इस फिल्म में आशा पारेख और देव आनंद ने एक साथ काम किया था।
मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में आशा पारेख ने बताया था फिल्म इंडस्ट्री में राजेश खन्ना के स्टारडम को कोई अगर टक्कर देने वाला एक्टर था तो वह थे देव आनंद’। उन्होंने कहा कि राजेश खन्ना वाली दीवानगी मैंने दोबारा देव साहब के साथ ही देखी थी। बीते जमाने को याद करते हुए आशा पारेख ने बताया था कि ‘जब हम ‘महल’ की शूटिंग कर रहे थे तो खबर मिलते ही शूटिंग सेट पर सैकड़ों की सख्या में लोग पहुंच गए, जिसमें लड़कियों की संख्या अधिक थी।
भीड़ देव साहब को देख फैंस पागल हो रही थ। इसके चलते हमें एक या दो बार नहीं बल्कि कई बार शूटिंग कैंसिल करनी पड़ी थी, क्योंकि बेकाबू भीड़ उन्हे छू लेने, चूमने के लिए बेकरार थी।