scriptजब धर्मेंद्र और जीनत अमान के इस गाने को सुन भड़क गईं थी महिलाएं, जमकर किया था विरोध प्रदर्शन | Dharmendra Zeenat Aman film Dharam Veer Song angered women was protest | Patrika News

जब धर्मेंद्र और जीनत अमान के इस गाने को सुन भड़क गईं थी महिलाएं, जमकर किया था विरोध प्रदर्शन

locationनई दिल्लीPublished: Oct 01, 2021 02:19:26 pm

Submitted by:

Archana Pandey

साल 1977 में आई फिल्म ‘धरम वीर’ ब्लॉकबस्टर रही थी, लेकिन इस फिल्म में धर्मेंद्र और जीनत अमान पर फिल्माए गए एक गाने ने बवाल खड़ा कर दिया था। दरअसल इस गाने को सुनकर महिलाएं भड़क गई थीं।

Dharmendra Zeenat Aman film Dharam Veer Song angered women was protest

Dharmendra and Zeenat Aman

नई दिल्ली: साल 1977 में आई ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘धरम वीर’ (Dharam Veer) आप सभी ने जरूर देखी होगी। इस फिल्म में फिल्म में धर्मेंद्र (Dharmendra), जितेंद्र (Jeetendra), जीनत अमान ( Zeenat Aman), नीतू सिंह ( Neetu Singh) और प्राण ( Pran) लीड रोल में थे। सभी ने इस फिल्म में अच्छा अभिनय किया था।
लेकिन इस फिल्म में धर्मेंद्र और जीनत अमान पर फिल्माए एक गाने ने बवाल खड़ा कर दिया था। जिससे डायरेक्टर मनमोहन देसाई (Manmohan Desai) की नींद उड़ गई थी। दरअसल इस गाने को सुनकर महिलाएं भड़क गई थीं। जिसके बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर गाने में ऐसा क्या था कि जिसके कारण विरोध हुआ और गाने के बोल को बदलना पड़ा।
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सालों बाद आज भी लोग इस फिल्म को देखना पसंद करते हैं। लेकिन इसके साथ ही इस फिल्म के गाने पर हुए महिलाओं का विरोध भी याद आ जाता है। दरअसल फिल्म धरम वीर का म्यूजिक एल्बम रिलीज होने के कुछ दिनों बाद महिला संगठनों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया।
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जिस गाने का विरोध महिलाओं द्वारा किया जा रहा था, वो गाना ‘सात अजूबे इस दुनिया में’ था। इस गाने के एक शब्द पर महिलाओं को आपत्ति थी। गाने के दूसरे अंतरे में आनंद बक्शी ने कुछ ऐसा लिख ने दिया था कि ये लड़की है या रेशम की डोर है। कितना गुस्सा है, कितनी मुंह जोर है। ढीला छोड़ न देना हंसके, रखना दोस्त लगामें कसके। मुश्किल से काबू में आए लड़की हो या घोड़ी..। इसी लाइन लड़की हो या घोड़ी.. को लेकर जमकर विवाद हुआ था।
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गाने के इस लाइन में महिला की तुलना घोड़ी से की गई थी। जिसका महिला संगठनों ने जमकर विरोध किया था। विरोध बढ़ता हुआ देखकर डायरेक्टर मनमोहन देसाई ने आनंद बक्शी से कहकर दूसरी लाइन लिखवाई और फिर से रिकॉर्ड और रिलीज किया था। इस गाने को धर्मेंद्र-जीनत, जितेंद्र नीतू सिंह पर फिल्माया गया था। गाने के लिए आवाज मोहम्मद रफी और मुकेश ने दी थी।
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