
जमालुद्दीन बस कंडेक्टर कैसे बने Johnny Walker
'सर जो तेरा चकराए' गाने से लोगों के जहन में अपनी छाप छोड़ने वाले जॉनी वॉकर (Johnny Walker) ने 50, 60 और 70 के दशक में इंडस्ट्री पर राज किया है. भले ही उन्हें कभी किसी फिल्म में सोलो एक्टर के तौर पर न देखा गया हो, लेकिन साइड एक्टर के तौर पर भी जॉनी वॉकर की एक अलग पहचान आज भी कायम है. आज भले ही जॉनी वॉकर हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके दमदार अभिनय और कुछ फेमस गानों को सुन लोग आज भी उनको याद किया करते हैं. जॉनी वॉकर का असली नाम बदरुद्दीन जमालुद्दीन काजी था, जिनका जन्म भी मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में हुआ था.
उनके पिता एक मिल में काम किया करते थे, लेकिन वो मिल जल्द बंद हो गया, जिसके बाद उनका पूरा परिवार मुंबई आ गया. जॉनी वॉकर शुरूआत से ही एक एक्टर के तौर पर अपना करियर बनाना चाहते थे, लेकिन उसके लिए उनको काफी संघर्षों का सामना भी करना पड़ा. बताया जाता है कि फिल्मों में काम करने का सपना देखने वाले जॉनी वॉकर को अपना परिवार चलाने के लिए संघर्ष के दिनों में बस कंडक्टर की नौकरी तक करनी पड़ी थी.
यह भी पढ़ें: जब कैंसर से जूझ रही पत्नी को अस्पताल में छोड़कर Madhuri Dixit संग इश्क लड़ा रहे थे Sanjay Dutt, ऐसे आई सच्चाई सामने
इसके दौरान उन्हें उस दौर में हर महीने 26 रुपए मिला करते थे. जॉनी वॉकर के कई गाने ऐसे थे, जिनमें मुबंई में बसों की हालत को दिखाया गया था. इन गानों में 'सीआईडी' फिल्म का गीत 'ऐ दिल है मुश्किल जीना यहां', 'जरा हटके जरा बचके ये है बॉम्बे मेरी जां' शामिल है. इन सभी गानों को जॉनी वॉकर पर फिल्माया गया था. इतना ही नहीं जॉनी वॉकर के अंदर एक्टिंग का इतना जुनून था कि वो जिसको एक नजर देख लिया करते थे उन लोगों की नकल उतारने में माहिर थे.
इसलिए वो बस में मिमिक्री से सभी यात्रियों का मनोरंजन किया करते थे. उनके बारे में ये बात आप जान कर हैरान हो जाएंगे कि जॉनी ने अपनी जिंदगी में भी शराब को हाथ नहीं लगाया था, लेकिन एक शराबी की एक्टिंग वे बेहतरीन किया करते था, जिसको उनकी ज्यादा फिल्मों में देखा भी जा सकता है. उनकी इसी दिलचस्प एक्टिंग को देखते हुए गुरु दत्त ने ही उनका नाम बदरुद्दीन जमालुद्दीन काज़ी से बदलकर अपने पसंदीदा स्कॉच ब्रांड ‘जॉनी वॉकर’ रख दिया था.
जॉनी वॉकर जबतक जीए तब तक उन्होंने अपने अभिनय से करोड़ों लोगों का दिल जीता. अपने एक इंटरव्यू में जॉनी वॉकर ने बताया था कि ‘जब मैं डायलॉग्स बोलता था तो गुरुदत्त लाइट बॉय, असिस्टेंट, कैमरामैन सहित सेट पर मौजूद सभी लोगों को देखते थे. उस समय गुरुदत्त ने एक असिस्टेंट रखा हुआ था जो मेरे रिहर्सल के दौरान की सभी बातें लिखता था. हम ऐसे साथ में काम करते थे’. बता दें कि उन्होंने 'आर-पार', 'प्यासा', 'चौदहवी का चांद', 'कागज के फूल', 'मिस्टर एंड मिसेज 55' जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया है.
यह भी पढ़ें: जब Saif Ali Khan को सेट पर सरेआम इस शख्स ने जड़ दिया था थप्पड़, कुछ नहीं कर पाए थे Ajay Devgn
Published on:
29 Jul 2022 04:26 pm
बड़ी खबरें
View Allबॉलीवुड
मनोरंजन
ट्रेंडिंग
