कानून—व्यस्था पर उठाए सवाल:
एक साक्षात्कार में ऋचा से जब पूछा गया कि दुष्कर्म की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, इसके लिए कौन जिम्मेदार है- कानून, समाज या पुलिस? इस पर ऋचा ने कहा, ‘हर चीज में कमी है। सबसे पहले तो समाज में कमी है। लोगों की मानसिकता ऐसी हो गई है। कठुआ में जो हुआ है…मैं पूछती हूं कि ऐसा शख्स मंदिर का पुजारी कैसे बना…किसने बनाया उसे पुजारी…ऐसा शख्स पुलिसवाला कैसे बना…एक आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म होता है…और आप कल्पना कर सकते हैं कि लोग इस मुद्दे पर भी सांप्रदायिकता फैला रहे हैं। क्या हमारी इंसानियत इतनी मर चुकी है?’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘दुष्कर्म के आरोपियों में राजनेता, पुलिसकर्मी और मंदिर में बैठने वाला शामिल हैं, अगर ये मुद्दे प्रकाश में नहीं आए होते, इन पर बवाल नहीं हुआ होता तो ये लोग छूट जाते। अगर इस मामले को सख्ती से डील नहीं किया गया तो अपराध बढ़ेगा, क्योंकि दुष्कर्म करने वाला सोचेगा कि मैं कुछ भी करूं…मैं तो बच ही जाऊंगा, और ऐसी स्थिति में कोई रेप पीडि़ता आगे नहीं आएगी।’
एक साक्षात्कार में ऋचा से जब पूछा गया कि दुष्कर्म की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, इसके लिए कौन जिम्मेदार है- कानून, समाज या पुलिस? इस पर ऋचा ने कहा, ‘हर चीज में कमी है। सबसे पहले तो समाज में कमी है। लोगों की मानसिकता ऐसी हो गई है। कठुआ में जो हुआ है…मैं पूछती हूं कि ऐसा शख्स मंदिर का पुजारी कैसे बना…किसने बनाया उसे पुजारी…ऐसा शख्स पुलिसवाला कैसे बना…एक आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म होता है…और आप कल्पना कर सकते हैं कि लोग इस मुद्दे पर भी सांप्रदायिकता फैला रहे हैं। क्या हमारी इंसानियत इतनी मर चुकी है?’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘दुष्कर्म के आरोपियों में राजनेता, पुलिसकर्मी और मंदिर में बैठने वाला शामिल हैं, अगर ये मुद्दे प्रकाश में नहीं आए होते, इन पर बवाल नहीं हुआ होता तो ये लोग छूट जाते। अगर इस मामले को सख्ती से डील नहीं किया गया तो अपराध बढ़ेगा, क्योंकि दुष्कर्म करने वाला सोचेगा कि मैं कुछ भी करूं…मैं तो बच ही जाऊंगा, और ऐसी स्थिति में कोई रेप पीडि़ता आगे नहीं आएगी।’
हम अपनी आवाज उठा रहे हैं:
कठुआ और उन्नाव दुष्कर्म मामले पर ऋचा सहित कई बॉलीवुड कलाकारों ने पीडि़ताओं के लिए न्याय की मांग की थी। इस बारे में ऋचा कहती हैं, ‘मैंने कठुआ और उन्नाव मुद्दे को ऑनलाइन के जरिए उठाया था और एक वीडियो भी साझा किया था, जिसमें मैंने उन्नाव और कठुआ मामले पर न्याय की मांग की है। हम शहर में नहीं होते हैं, इसलिए हमारे लिए मार्च करना या धरने पर बैठना मुश्किल है, लेकिन हम जो कर सकते हैं वह कर रहे हैं। हम अपनी आवाज उठा रहे हैं।’
कठुआ और उन्नाव दुष्कर्म मामले पर ऋचा सहित कई बॉलीवुड कलाकारों ने पीडि़ताओं के लिए न्याय की मांग की थी। इस बारे में ऋचा कहती हैं, ‘मैंने कठुआ और उन्नाव मुद्दे को ऑनलाइन के जरिए उठाया था और एक वीडियो भी साझा किया था, जिसमें मैंने उन्नाव और कठुआ मामले पर न्याय की मांग की है। हम शहर में नहीं होते हैं, इसलिए हमारे लिए मार्च करना या धरने पर बैठना मुश्किल है, लेकिन हम जो कर सकते हैं वह कर रहे हैं। हम अपनी आवाज उठा रहे हैं।’
हमने समाज बदलने का जिम्मा नहीं उठाया है: क्या सिनेमा समाज को बदलता है? इस सवाल पर ऋचा कहती हैं, ‘हम यह बहुत समय से कर रहे हैं। लेकिन मुझे यह बहुत पक्षपाती लगता है कि सिनेमा रिफ्लेक्ट्स सिनेमा, सिनेमा रिफ्लेक्ट्स सोसाइटी बोलकर…हर चीज को हमारे ऊपर डाला जाता है। सबसे बड़ी बात यह कि आपने जिन लोगों को वोट देकर कुर्सी पर बैठाया है, आप उनसे सवाल क्यों नहीं करते। हमने जिम्मा नहीं उठाया है समाज बदलने का…हम तो कहानियां कहते हैं और इसके माध्यम से हम जितना कर सकते हैं उससे ज्यादा करते हैं।