
शादिस्थान में असली म्यूजिक बैंड्स ने दी है प्रस्तुति,शादिस्थान में असली म्यूजिक बैंड्स ने दी है प्रस्तुति,शादिस्थान में असली म्यूजिक बैंड्स ने दी है प्रस्तुति
अभिनेत्री कीर्ति कुल्हारी की फिल्म शादिस्थान का फर्स्ट लुक हाल ही जारी हुआ है। इस म्यूजिकल जर्नी को डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर स्ट्रीमकिया जायेगा। फिल्म में असल ज़िंदगी के म्यूजिक बैंड का इतेमाल किया गया है। ये सभी अपनी कहानी को लोगों तक पहुंचाने के लिए अपने संगीत को ज़रिया बनाते हैं। हालांकि, सामाजिक संदेश देने वाली फिल्में अक्सर अपनी बात को गंभीर लहजे में दर्शकों के सामने प्रस्तुत करती हैं। ऑप्टिकस इंक के बैनर तले निर्देशक राज सिंह चौधरी और सह-निर्माता संजय शेट्टी ने फेमस स्टूडियोज के अनंत रूंगटा के साथ अपनी फिल्म शादिस्थान में इंडी पॉप और लोक संगीत का मिश्रण रखा है। फिल्म लैंगिक समानता और शादी से जुडी सामाजिक उठापटक और राजनीति के बारे में है। इस फिल्म को एक बेहद ख़ास डिजाइन में तैयार की गई बस में कई इंडी बैंड के साथ फिल्माया गया है। इस सफर में इंडी बैंड और एक परिवार के बीच के सुरमई सफर और भावनाओं की यात्रा को दिखाया गया है।
राज कहते हैं, "फिल्म की कहानी और इंटेंसिटी को देखते हुए मैं अभिनेताओं के बजाय असली संगीतकारों को कास्ट करना चाहता था," मैं किसी भी सूरत में अभिनेता नहीं चाहता था क्योंकि इंडी बैंड के संगीतकारों की अपनी शैली और बॉडी लैंग्वेज होती है। वे अपनी टीम के साथ दर्शकों और सुनने वालों से अलग तरह से जुड़ते हैं, उनके साथ बातचीत करने का उनका अपना तरीका होता है। मैंने उन्हें बैंड बजाते देखा है। फिल्म में वायलिन बजाने वाले अजय असल में कई अलग-अलग समूहों में पेशेवर रूप से वाद्य यंत्र बजा चुके हैं। ऐसे ही तिब्बती संगीत केलिए जिस इंडी पॉप कलाकार को हमने चुना है, वह असल में एक गिटारवादक है, जिसे मैं दार्जिलिंग में अपने स्कूल से जानता हूं और वह असल में अमेरिका में बैंड के लिए प्ले करता है। अपूर्वा डोगरा पहले भी बैंड के साथ रह चुकी हैं। इसलिए, हमने फिल्म में प्रदर्शन करने वाले बैंड बनाने के लिए असली संगीतकारों को इकट्ठा किया। हमने उन्हें वैसे ही रखा जैसे वे अपने वास्तविक जीवन में हैं। कीर्ति ही अकेली ऐसी है जिस पर हमें काम करना था। हमने कीर्ति को भी उन्ही की तरह असली रखा और कोशिश की कि वे भी उस बंद का ही एक हिस्सा लगें, जो एक संगीतकार है।”
जहां तक फिल्म के संगीत की बात है, राज, संजय और अनंत ने नकुल शर्मा को लिया है,जो एक बैंड संचालित करता हैं। आगे इस बारे में बात करते हुए राज कहते हैं, “नकुल और उनके साथी दो सदस्यीय बैंड हैं और उनका काम अविश्वसनीय है। उन्होंने कभी किसी फिल्म के लिए कंपोज नहीं किया था, इसलिए हमने उन्हें गाने और बैकग्राउंड स्कोर के लिए चुना। उनके पास केवल इतना ही संक्षिप्त विवरण था कि अगर फिल्म में बैंड के सदस्यों के समान स्थिति होती तो वे क्या प्रदर्शन करते। उन्होंने पटकथा पढ़ी और लोक संगीत को इंडी रिदम से प्रभावित किया। इसने कहानी में एक नै ताजगी भर दी। ''
Published on:
07 Jun 2021 08:03 pm
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