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सत्तर और अस्सी के दशक में जादूगर थे मनमोहन देसाई, कई फिल्मों ने जुबली मनाई

उस दौर के दर्शकों को जो पसंद था, फिल्मों में वह सब दिया

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सत्तर और अस्सी के दशक में जादूगर थे मनमोहन देसाई, कई फिल्मों ने जुबली मनाई

सत्तर और अस्सी के दशक में जादूगर थे मनमोहन देसाई, कई फिल्मों ने जुबली मनाई

सत्तर और अस्सी के दशक में जादूगर थे मनमोहन देसाई, कई फिल्मों ने जुबली मनाई बॉक्स ऑफिस पर कीर्तिमान रचने वाली कई फिल्मों के निर्देशक मनमोहन देसाई को 'जनमोहन' देसाई भी कहा जाता था, क्योंकि अपने दौर के दर्शकों की नब्ज पर उनकी खासी पकड़ थी। उनकी फिल्मों में जनता को मोहने वाले सभी मसाले होते थे- नाच-गाने, कव्वाली, मारधाड़, इमोशन, कॉमेडी वगैरह। हर फिल्म का ताना-बाना एक परिवार की घटनाओं को लेकर बुना जाता था। मनमोहन देसाई को फिल्म-कला विरासत में मिली। उनके पिता कीकूभाई देसाई फिल्म निर्माता थे और स्टंट फिल्में बनाते थे।

निर्देशक की हैसियत से मनमोहन देसाई की पहली फिल्म 'छलिया' (1960) में राज कपूर, नूतन, प्राण और रहमान ने अहम किरदार अदा किए। इसमें कल्याणजी-आनंदजी की धुनों वाले 'डम-डम डीगा-डीगा' और 'तेरी राहों में खड़े हैं दिल थाम के' जैसे गीत आज भी लोकप्रिय हैं। 'छलिया' के बाद वह फिल्म-दर-फिल्म कामयाबी का इतिहास रचते गए। उनकी कई फिल्मों ने सिल्वर और गोल्डन जुबली मनाई। इनमें 'सच्चा झूठा' (राजेश खन्ना, मुमताज), रामपुर का लक्ष्मण (रेखा, रणधीर कपूर), भाई हो तो ऐसा (जीतेंद्र, हेमा मालिनी, शत्रुघ्न सिन्हा), 'आ गले लग जा' (शशि कपूर, शर्मिला टैगोर), धरम वीर (धर्मेंद्र, जीतेंद्र, जीनत अमान, नीतू सिंह), और 'चाचा भतीजा' (धर्मेंद्र, हेमा मालिनी, रणधीर कपूर) शामिल हैं।

'आ गले लग जा' की कहानी बाद में एक दूसरे निर्देशक की फिल्म 'तेरी मेहरबानियां' (1985) में दोहराई गई। 'गंगा जमुना सरस्वती' (1988) की नाकामी के बाद म_नमोहन देसाई ने फिर कोई फिल्म निर्देशित नहीं की। अपनी पत्नी जीवनप्रभा के 1979 में देहांत के कई साल बाद उन्होंने अभिनेत्री नंदा से सगाई की थी। उनके आखिरी दिन मायूसियों में गुजरे। मुंबई में 1 मार्च, 1994 को बालकनी से गिरने से उनके जीवन का सफर थम गया।

सबसे ज्यादा फिल्में अमिताभ के साथ
यूं तो मनमोहन देसाई ने उस दौर के सभी बड़े कलाकारों के साथ काम किया, लेकिन सबसे ज्यादा फिल्में अमिताभ बच्चन को लेकर बनाईं। इनमें 'परवरिश', अमर अकबर एंथॉनी, सुहाग, नसीब, देशप्रेमी, कुली, 'मर्द' और 'गंगा जमुना सरस्वती' शामिल हैं। तीन दशक लम्बे कॅरियर में उन्होंने 20 फिल्मों का निर्देशन किया।

बिछुड़ना-मिलना पसंदीदा फार्मूला
मनमोहन देसाई की ज्यादातर फिल्में बिछुडऩा-मिलना फार्मूले पर बनीं। किसी फिल्म में भाई बचपन में बिछुड़े तो किसी फिल्म में पूरा परिवार। सभी बिछुड़े सदस्य एक ही इलाके में रहते हुए भी अंत में ही मिलते हैं।

अनूठा रेकॉर्ड
'अमर अकबर एंथॉनी' के संगीत (लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल) के नाम अनूठा रेकॉर्ड दर्ज है। इसका एक गीत 'हमको तुमसे हो गया है प्यार' लता मंगेशकर, मो. रफी, किशोर कुमार और मुकेश ने गाया था। यह चारों आवाजें किसी और गीत में एक साथ नहीं आईं।