
Manoj Kumar Death: बॉलीवुड में इस समय शोक की लहर है दिग्गज कलाकार मनोज कुमार अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने 4 अप्रैल यानी आज मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में अंतिम सांस ली है। अब उनके निधन पर हम आपको बताते हैं उनकी वो फिल्म जो भारत में बैन हो गई थीं, लेकिन अपनी फिल्म के लिए मनोज कुमार ने मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने सरकार के खिलाफ जाकर अपनी फिल्म को हरी झंडी दिलवाई थी। आइए इस मामले को थोड़ा और विस्तार में जानते हैं और जानते हैं वो दो कौन सी फिल्में थी…
साल 1975 के समय की बात है और भारत में इमरजेंसी लगी हुई थी। इस इमरजेंसी का असर सियासी गलियारे से लेकर सिनेमा जगत तक पहुंच गया था। देवानंद और किशोर कुमार जैसे दिग्गजों ने इसका विरोध किया था। मनोज कुमार ने बताया था, “आपातकाल के दौरान मुझे फेमस लेखिका अमृता प्रीतम द्वारा लिखी गई एक डॉक्यूमेंट्री का डायरेक्शन करने के लिए कहा गया था। जिसमे इमरजेंसी को सपोर्ट करता दिखाया गया था। जिसे लेकर देश के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से मुझे डायरेक्ट करने के लिए स्पेशल फोन कॉल भी आया,लेकिन मैंने मना कर दिया और बाद में मेरे ही खिलाफ कार्रवाई हुई। मेरी फिल्मों को धीरे-धीरे दूरदर्शन से बैन कर दिया गया, लेकिन मैंने हार नहीं मानी और सरकार के खिलाफ कोर्ट केस कर दिया।
मनोज कुमार ने सीधे कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया। शोर और दस नंबरी उनकी वो दो मनोज कुमार की फिल्में थी जिन्हें सरकार की तरफ से बैन कर दिया गया था। लेकिन बाद में कोर्ट केस जीतने के बाद उन्हें रिलीज किया गया। हालांकि, कमर्शियल तौर पर ये मूवीज सफल नहीं हो पाईं।
Published on:
04 Apr 2025 09:21 am
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