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कोरोनावायरस पीड़ितों के लिए सिर से उतारा मिस इंग्लैंड का ताज,अस्पताल में कर रही हैं अब ड्यूटी

मिस इग्लैंड भाषा मुखर्जी ( Bhasha Mukerjee ) पहुंची कोरोनावायरस से ग्रस्त लोगों की कर रही हैं मदद भारत से लौट कर तुरंत पहुंची ड्यूटी करने

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Shweta Dhobhal

Apr 09, 2020

मिस इंग्लैंड पहुंची अस्पताल में मरीज़ों की सेवा करने

मिस इंग्लैंड पहुंची अस्पताल में मरीज़ों की सेवा करने

नई दिल्ली। कोरोवायरस ( Coronavirus ) की जंग से लड़ने के लिए हर कोई आगे आकर इस वक्त अपने देश की मदद कर रहा है। फिर चाहें वो बड़े-बड़े उद्योगपति या फिर सिनेमा जगत से जुड़े हुए सितारें। सभी आर्थिक रूप से मदद कर इस जंग में अपना योगदान दे रहे हैं। इसी बीच एक खबर सामने आ रही हैं। जो सबका दिल जीत रही है। दरअसल, भारतीय मूल की डॉक्टर भाषा मुखर्जी ( Bhasha Mukerjee ) जिन्होंने 2019 में मिस इंग्लैड का खिताब अपने नाम चुकी हैं। इस महामारी के चलते उन्होंने अपना ताज उतारकर अपने डॉक्टर के पेशे में वापस लौट चुकी हैं। कोरोनावायस के मरीज़ों के बीच जाकर भाषा अपना डॉक्टर का फर्ज निभा रही हैं।

एक इंटरव्यू में भाषा ने बताया कि उन्हें ‘समाजसेवा करना बहुत अच्छा लगता है। कुछ समय पहले वो भारत में ही थी। लेकिन इस महामारी के कारण उन्होंने महसूस किया कि अब उन्हें वापस जाकर अपनी ड्यूटी करनी चाहिए और लोगों की मदद करनी चाहिए।' उन्होंने बताया कि 'वो घर वापस आना चाहती थी और फिर अपने काम पर। लेकिन उन्हें उनके एक पुराने दोस्त का मैसेज मिला जो कि खुद एक डॉक्टर हैं। उन्होंने अस्पालत में बिगड़ते हालतों के बारें में बताया। जिसके बाद भाषा ने अस्पताल में फोन कर फिर से काम पर लौटने की आज्ञा मांगी।

बता दें भाषा का कहना है कि 'जब उन्होंने डॉक्टर की डिग्री ली ही है तो शायद इस वक्त इसे इस्तेमाल करने का कोई और अच्छा समय नहीं हो सकता है। उन्हें खुद पर विश्वास हैं कि वो लोगों की मदद कर सकती हैं और मिस इग्लैंड के ताज को सही साबित करने का और इस वक्त उनके देश को उनकी जरूरत हैं।' बता दें भाषा बॉस्टन के पिलग्रिम हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टर थीं। वो एक श्वसन रोगों की विशेषज्ञ हैं। इग्लैंड में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। भाषा मुखर्जी जब 9 साल की थी तब वो कोलकत्ता छोड़ अपने परिवार संग ब्रिटने आ गई थी। अगस्त में 2019 में उनके सिर मिस इग्लैंड का ताज साज़ा।