
राजेश खन्ना (फोटो सोर्स: X)
Bollywood Classic Movie: बॉलीवुड में 1970 का दशक राजेश खन्ना के नाम रहा। राजेश खन्ना, शर्मिला टैगोर और शक्ति सामंत की तिकड़ी ने उस दौर में कई यादगार फिल्में दीं। 1969 में 'आराधना' की अपार सफलता के बाद शक्ति सामंत 1972 में एक और फिल्म लेकर आए, जिसका नाम था 'अमर प्रेम'। शक्ति सामंत ने ही इस फिल्म का निर्देशन और निर्माण किया था। यह फिल्म 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद रिलीज हुई थी और सिल्वर जुबली हिट रही थी।
फिल्म की कहानी विभूति भूषण बंधोपाध्याय ने लिखी थी, जबकि स्क्रीनप्ले अरविंद मुखर्जी ने लिखा था। फिल्म के डायलॉग रमेश पंत ने लिखे थे। 'अमर प्रेम' की कहानी 1970 में आई बंगाली फिल्म 'निशि पदमा' से प्रेरित थी, जिसमें उत्तम कुमार और सावित्री चटर्जी ने काम किया था। शक्ति सामंत ने 'निशि पदमा' के राइट्स खरीदकर इसे हिंदी में बनाने का फैसला किया।
इसके बाद राजेश खन्ना ने फिल्म में आनंद बाबू का रोल निभाया था। पहले किरदार का नाम उत्तर कुमार था, लेकिन राजेश खन्ना को यह नाम पसंद नहीं आया और उन्होंने इसे बदलकर आनंद बाबू कर लिया। आनंद बाबू के किरदार को अपने जेहन में उतारने के लिए राजेश खन्ना ने 'निशि पदमा' 24 बार देखी थी। बंगाली राइटर अरविंद मुखर्जी को हिंदी नहीं आती थी, इसलिए उन्होंने 'अमर प्रेम' की स्क्रिप्ट अंग्रेजी में लिखी थी, जिसका हिंदी में अनुवाद रमेश पंत ने किया था।
बता दें कि मां बनने के बाद शर्मिला टैगोर की यह पहली फिल्म थी। जब शर्मिला ने स्क्रिप्ट सुनी तो उन्हें 'पुष्पा' का किरदार आइकोनिक फिल्म 'मदर इंडिया' जैसा ही लगा, इसलिए उन्होंने तुरंत फिल्म के लिए हामी भर दी। राजेश खन्ना 'आराधना' और 'कटी पतंग' के बाद सुपरस्टार बन चुके थे, ऐसे में शक्ति सामंत को लगा कि वो अब फीमेल कैरेक्टर की प्रधानता वाली फिल्म नहीं करेंगे।
इसलिए वह राज कुमार के पास गए और उन्हें साइन कर लिया। जब राजेश खन्ना को इसकी भनक लगी तो वह शक्ति सामंत के ऑफिस पहुंचे और फिल्म में काम करने की इच्छा जताई। शक्ति सामंत ने राजेश खन्ना से कहा कि 'आपकी डायरी डेट्स से भरी हुई है, मेरी फिल्म के लिए टाइम कहां से देंगे।' तब राजेश खन्ना ने दूसरी फिल्मों की शूटिंग के साथ-साथ चार घंटे 'अमर प्रेम' को देने का वादा किया।
राजेश खन्ना 'आनंद बाबू' के रोल की तैयारी के लिए कोलकाता गए थे और उत्तम कुमार के घर पर कई दिन ठहरे थे। फिल्म की शूटिंग मुंबई के नटराज स्टूडियो में हुई थी। फिल्म का डायलॉग 'आई हेट टियर्स' (I Hate Tears) 'पुष्पा' का ऑल टाइम क्लासिक डायलॉग बन गया, जो आज भी लोगों को बहुत पसंद है।
साथ ही फिल्म के मशहूर गाने 'चिंगारी कोई भड़के…' से जुड़ा भी एक दिलचस्प किस्सा था, जिसमें फिल्म की शूटिंग पूरी हो चुकी थी, लेकिन शक्ति सामंत को यह गाना इतना पसंद आया कि उन्होंने इसे फिल्म में शामिल करने का फैसला किया और एक खास सीन क्रिएट करके इस गाने को फिल्म में जोड़ा गया। बाद में इस गाने ने इतिहास रच दिया।
फिल्म का म्यूजिक आरडी बर्मन ने दिया था और गाने आनंद बख्शी ने लिखे थे। फिल्म का एक गाना 'डोली में बैठाइके कहार…' को आवाज मशहूर संगीतकार एसडी बर्मन ने दी थी। फिल्म के गानों में राजेश खन्ना ने अपनी आवाज का जादू एक अलग ही अंदाज में बिखेरा था। 1971 में फिल्म की रिलीज से पहले एक स्पेशल शो दिल्ली में रखा गया था, लेकिन उसी दौरान भारत-पाक युद्ध शुरू हो गया। बाद में यह फिल्म जनवरी 1972 में रिलीज की गई और बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया। फिल्म के गाने, म्यूजिक और डायलॉग हमेशा के लिए अमर हो गए और आज भी लोगो के दिलों में जिंदा है।
Published on:
31 Aug 2025 01:29 pm
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