
नागा साधुओं को गिरफ्तार करने की सलाह देने वाली Pooja Bedi को अगले कुंभ में आने का न्यौता
मुंबई। देश के 13 मान्यता प्राप्त हिंदू मठों के सर्वोच्च निकाय अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) ने अभिनेता मिलिंद सोमन ( Milind Soman ) की नग्न तस्वीर की तुलना नागा साधुओं से करने पर अभिनेत्री पूजा बेदी ( Pooja Bedi ) की कड़ी निंदा की है। एबीएपी के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ( Mahant Mahendra Giri ) ने कहा, 'पूजा बेदी को नागा परंपरा का कोई ज्ञान नहीं है। हम अगले साल हरिद्वार में होने जा रहे महाकुंभ में पूजा को आमंत्रित करेंगे ताकि वह नागा संन्यासियों ( Naga Sadhu ) के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त कर सकें।'
लोगों ने की थी कड़ी प्रतिक्रिया
गौरतलब है कि हाल ही मिलिंद ने गोवा में अपना जन्मदिन मनाया था। इस दौरान वह समुद्र बीच पर न्यूड होकर दौड़े थे। इसकी फोटो सोशल मीडिया पर भी शेयर की थी। इस पर लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया की थी। उनके खिलाफ शिकायत भी दर्ज करवाई गई।
अश्लीलता देखने वाले की कल्पना में
फोटो पर विवाद बढ़ने और मिलिंद की शिकायत होने पर एक्ट्रेस पूजा बेदी ने उनका पक्ष लिया था और बिना कपड़ों की तुलना नागा साधुओं से कर डाली थी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था,'मिलिंद सोमन की इस फोटो में कुछ भी अश्लील नहीं है। अश्लीलता देखने वाले की कल्पना में होती है। यदि नग्नता एक अपराध है तो सभी नागा बाबाओं को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। केवल शरीर पर राख रगड़ लेना इसे स्वीकार्य नहीं बना सकता है!'
नग्नता और अश्लीलता की तुलना करना गलत
गिरि ने कहा कि नागा संन्यासियों की परंपरा से एक मॉडल या फिल्म कलाकार की नग्नता और अश्लीलता की तुलना करना गलत है। उन्हें कुंभ में कुछ समय बिताना चाहिए और नागा सन्यासियों की कठिन तपस्या को देखना चाहिए।
'संन्यासियों को घोर तपस्या और त्याग करने पड़ते हैं'
उन्होंने कहा कि नागा सन्यासी वैष्णव और दिगंबर जैन परंपराओं में पाए जाते हैं और सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार इन संन्यासियों को जीवन में घोर तपस्या और त्याग करने पड़ते हैं। इससे पहले अभिनेत्री पूनम पांडे पर गोवा में अश्लील फोटोशूट करवाने पर शिकायत दर्ज हुई थी। उन्हें और उनके पति को पुलिस कस्टडी में भी रखा गया। इसके बाद ही मिलिंद पर भी कानूनी कार्यवाही करने का दबाव बढ़ने लगा।
Published on:
11 Nov 2020 07:04 pm
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