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एक सुपरस्टार का बेटा होने के बावजूद राज कपूर को करना पड़ता था मजदूरी का काम, जाने क्या थी वजह

राज कपूर का फिल्म इंडस्ट्री में बड़ा नाम था, उन्हें रणबीर राज कपूर के नाम से भी जाना जाता है। वो न सिर्फ एक शानदार एक्टर थे बल्कि बेहतरीन निर्मता-निर्देशक भी थे। उन्हें हिंदी सिनेमा का शोमैन भी कहा जाता था। उनको तीन नेशनल फिल्म अवॉर्ड और 11 फिल्मफेयर अवार्ड्स मिल चुके थे।

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Archana Keshri

Jan 15, 2022

एक सुपरस्टार का बेटा होने के बावजूद राज कपूर को करना पड़ता था मजदूरी का काम, जाने क्या थी वजह

एक सुपरस्टार का बेटा होने के बावजूद राज कपूर को करना पड़ता था मजदूरी का काम, जाने क्या थी वजह

राज कपूर की फिल्मों ने दुनिया भर के दर्शकों को अपना दीवाना बनाया, खासतौर पर एशिया और यूरोप में उनकी तगड़ी फैन फॉलोइंग थी। बॉलीवुड लीजेंड राज कपूर सिर्फ भारत में ही नहीं, विदेशों में भी लोग उनके अभिनय और फिल्मों के दीवाने हैं। उन्होंने अपनी फिल्मों से विदेशी दर्शकों पर भी गहरी छाप छोड़ी है। कई फिल्मों में नजर आए राज कपूर ने अपने फिल्मी करियर में कामयाबी की बुलंदियों को छुआ था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राज कपूर फिल्मों में हीरो बनने से पहले मजदूर का काम भी कर चुके हैं?

राज कपूर फिल्मों में अपना सफर शुरू करना चाहते थे, तो उनके पिता और सुपरस्टार पृथ्वीराज कपूर ने उनको बोम्बे टॉकीज में उन्हें एक मजदूर के रूप में काम दिलवाया ताकि वो अपनी शुरुआत जीरो से कर सकें। वो अपने पिता की बात मान कर बोम्बे टॉकीज में काम करने लगे, वहां कई तरह के काम करते थे जिनमें लाइट्स उठाते, सेट की सफाई करते थे, सामान को यहां से वहां रखने का काम और कभी कभी सेट को पैंट भी करते थे। इतने बड़े स्टार का बेटा होने के बावजूद भी वो खाना भी लेबर के साथ ही खाते थे।

उसी समय की बात है, जब बॉम्बे टॉकीज फिल्म 'ज्वार भाटा' दिलीप कुमार के साथ बना रहा था। दिलीप कुमार राजकुमार के अच्छे दोस्त थे। और राजकुमार उसी फिल्म के सेट पर मजदूरों का काम कर रहे थे। उन्हें तब से ऐसी फीलिंगस आने लगी की उनका दोस्त फिल्म में हीरो बन रहा है और वो उसी के फिल्म सेट पर मजदूरी कर रहे हैं। और एक नॉन फिल्मी घर का लड़का हीरो बना हुआ है। ऐसा सोच कर वो काफी परेशान हो गए और उन्हें गुस्सा भी आया और बुरा भी लग रहा था कि इतने बड़े स्टार का बेटा होकर मैं मजदूरी कर रहा हूं।

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उन्हें एक दिन अपनी ऐसी हालत पर इतना गुस्सा आया कि उन्होंने हथौडे़ से फिल्म के सेट को तोड़ दिया। मगर इतनी बड़ी घटना के बाद भी उन्हें किसी ने कुछ नहीं कहा। फिर उनको एहसास हुआ कि अगर ऐसी हरकत किसी और ने की होती तो उसे माफ नहीं किया जाता। इसके बाद उन्होंने ऐसी हरकत दोबारा नहीं की। उन्हें भी ये एहसास हो गया कि वो यहां सीखने आए है दूसरों से खुद की बराबरी करने नहीं।

फिर उन्होंने बहुत ही लगन से काम किया और सफलता की ऊंचाइयों को छुआ। उन्होंने 'मेरा नाम जोकर', 'सपनों का सौदागर', 'तीसरी कसम', 'पापी', 'आवारा', 'प्यार', 'अमर प्रेम', 'दिल की रानी', 'आग' और 'नीलकमल' जैसी फिल्मों में काम किया।

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