
बॉलीवुड के मशहूर एक्टर राज कपूर ने अपनी फिल्मों और अपने अंदाज से हिंदी सिनेमा में जबरदस्त पहचान बनाई थी। राज कपूर को हिंदी सिनेमा का ‘शो मैन’ भी कहा जाता था। फिल्म ‘आग’ से बॉलीवुड में लोकप्रियता हासिल करने वाले राज कपूर ने न केवल बतौर एक्टर काम किया था, बल्कि प्रोड्यूसर और डायरेक्टर के तौर पर भी काम किया था। साल 1946 में राज कपूर ने रींवा के आईजी की बेटी कृष्णा मल्होत्रा से शादी की थी। उनकी शादी यूं तो बड़े ही शानदार अंदाज में हुई थी,
साथ ही पिता पृथ्वीराज कपूर ने भी उन्हें शादी की रात एक खास तोहफा दिया था। शादी के बाद राज कपूर और कृष्णा राज के रिश्ते में भी कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन इसके बाद भी वे एक-दूसरे को बहुत प्यार करते थे। एक वक्त तो ऐसा भी था, जब मजाक-मजाक में राज कपूर पत्नी के पैर तक दबाया करते थे।
दरहसल राज कपूर की बेटी रीमा ने फिल्मफेयर मैगज़ीन को दिए एक इंटरव्यू में अपने मां-पिता के बारे में बताया था – “चाहे कुछ भी लिखा और बोला गया हो, पापा मॉम को बहुत ज्यादा प्यार करते थे। सच्चाई तो ये है कि वो पूरी जिदंगी मॉम के दीवाने रहे। उन्होंने भले ही इसे वैसे अभिव्यक्त नहीं किया जैसे मॉम ने चाहा हो। लेकिन राज कपूर ने जो भी किया वो लौटकर घर आए। उनका प्यार मॉम के लिए बेइंतहा था। वो उनके पैर भी दबाते थे और हंसाते हुए कहते थे – ‘राज कपूर का क्या हाल बना दिया! मेरी बीवी मुझे पैर दबाने में लगा रही है। घर की मुर्गी दाल बराबर!’ वो नए साल का जलसा हर साल रखते ही इसलिए थे क्योंकि वो मॉम के जन्मदिन पर पड़ता था।” राज कपूर जो भी पार्टियां देते थे उसमें सारी व्यवस्था कृष्णा ही देखती थीं। चाहे वो होली की पार्टी आरके स्टूडियो में हो, राज कपूर की बर्थडे पार्टी दिसंबर में हो या कुछ और, वे खुद कहते थे – “मैं तो बस इनवाइट करता हूं, करती सब मेरी बीवी है।”
बता दें राज और कृष्णा दोनों की शादी का किस्सा भी काफी दिलचस्प है। दरअसल, राजकपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर अपनी नाटक कंपनी के साथ एक बार रीवा गए थे। यहां उनकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी आईजी करतार नाथ मल्होत्रा को दी गई जिनके साथ कम समय में ही पृथ्वीराज कपूर की अच्छी दोस्ती हो गई। पृथ्वीराज कपूर ने इस दोस्ती को रिश्तेदारी में बदलने की ठान ली और उन्होंने अपने 22 साल के बेटे राजकपूर की शादी करतार नाथ मल्होत्रा की बेटी कृष्णा मल्होत्रा से तय कर दी।
बता दें जब कृष्णा शादी करके आई थीं तो शुरू में वे और राज कपूर चेंबूर में एक किराए के घर में रहते थे. घर में आर्थिक सहारा देने के लिए वो साड़ियों पर एम्ब्रॉयडरी का काम करती थीं. बताया जाता है कि राज कपूर अपनी फिल्म ‘बरसात’ (1949) बना सकें इसके लिए कृष्णा ने अपने गहने बेच दिए थे।
Updated on:
18 Jan 2022 06:47 pm
Published on:
18 Jan 2022 06:11 pm
बड़ी खबरें
View Allबॉलीवुड
मनोरंजन
ट्रेंडिंग
