
90 दशक की रामसे ब्रदर्स की वो हॉरर फिल्में, जिन्होंने बचपन में ख़ूब डराया
एक दौर था जब भूत वाली फ़िल्म का नाम सुनते ही दिमाग में कुछ फिल्मों की याद आ जाया करती थी. वो दौर आज भी बरकरा है, लेकिन बस हॉरर फिल्मों की रूप-रेखा बदल गई. फिर भी आज जब भी दोस्तों के बीच बैठकर हॉरर फिल्मों की बातें होती हैं तो वहीं 80-90 दशक वाला दौर जहन में ताजा होने लगता है और उन फिल्मों के कुछ सीन सामने आने लगते हैं, जिन्हें देखने के बाद बचपन में मां के पास जाकर सोना पड़ता था. आज के समय में भूतों को दिखाने का ढ़ंग बदल गया. हॉरर फिल्मों का क्रेज आज भी बरकरार है, लेकिन वो पुरानी यादें कभी भूलाई नहीं जा सकती.
आज हम आपको उसी दौर की कुछ हॉरर फिल्मों के बारे में फिर से याद दिलाने जा रहे हैं, जिनके भूतों ने आपकी रातों की नींद उड़ा दी थी, जिन्होंने बचपन में खूब डराया. इन सभी फिल्मों रामसे ब्रदर्स ने बनाया था. इनकी फिल्मों ने गलियों से गुजरते और छुपन छुपाई खेल खेलते हुए खूब डराया, लेकिन फिर भी इनकी हॉरर फ़िल्में देखना नहीं छोड़ते थे. जैसे ही पता चलता था कि आज टीवी पर रामसे ब्रदर्स की कोई हॉरर फिल्म आने वाली है तो सारे खेल होमवर्क छोड़ उसको देखने बैठ जाया करते थे और चदर में मुह डाल-डाल कर हर सीन को देखा जरूर करते थे. आज भी ये फिल्म यूट्यूब या OTT पर देखने को मिल जाएंगी.
धुंद: द फ़ॉग (Dhund: The Fog)
साल 2003 में रिलीज हुई फिल्म 'धुंद: द फ़ॉग' एक अमेरिकन फ़िल्म 'I Know What You Did Last Summer' की रीमेक थी. इसका निर्देशन श्याम रामसे ने किया था. इस फ़िल्म में अमर उपाध्याय (Amar Upadhyay), अदिति गोवित्रिकर (Amar Upadhyay), अपूर्व अग्निहोत्री (Apoorva Agnihotri) और इरफान खान (Irrfan Khan) मुख्य भूमिका में नजर आए थे.
पुरानी हवेली (Purani Haveli)
साल 1989 में रिलीज हुई रामसे प्रोडक्शन की फ़िल्म 'पुरानी हवेली' में जब भूत का चेहरा देखने को मिलता था तो चीख निकल जाया करती थी. इस फिल्म में दीपक पाराशर (Deepak Parashar) और अमिता नांगिया (Amita Nangia) मुख्य भूमिका में नजर आए थे. इस फिल्म की कहानी एक पुरानी भूतिया हवेली के ईर्द-गिर्द घूमती है.
बंज दरवाज़ा (Bandh Darwaza)
साल 1990 में आई फिल्म 'बंद दरवाज़ा' उस दौर की सबसे डरावनी फिल्म मानी जाती थी. इस फिल्म को अकेले देख पाना नामुमकिन था. रामसे प्रोडक्शन में बनी इस फ़िल्म में अरुणा ईरानी (Aruna Irani) नजर आई थीं.
सन्नाटा (Sannata)
साल 1981 की फिल्म 'सन्नाटा' में एक हॉरर मर्डर मिस्ट्री थी. इसमें सारिका (Sarika), विनोद मेहरा (Vinod Mehra), हेलेन (Helen), बिंदिया गोस्वामी (Bindiya Goswami) और टुनटुन (Tuntun) मुख्य भूमिका में नजर आए थे. ये भी काफी डरावनी मूवी थी.
दो गज जमीन के नीचे (Do Gaz Zameen Ke Neeche)
साल 1972 में रिलीज हुई फिल्म 'दो गज जमीन के नीचे' एक हॉरर ड्रामा फिल्म थी. इसको देखने के बाद भी रात में निंद नहीं आती थी. इस फिल्म को देखने के बाद डर की कोई सीमा नहीं रही थी. फिल्म में सत्यन कप्पू (Satyan Kappu), धूमल (Dhumal) और हेलन (Helen) मुख्य भूमिका में थे.
डाक बंगला (Dak Bangla)
साल 1987 में रिलीज हुई फिल्म 'डाक बंगला' को केशू रामसे ने डायरेक्ट किया था. इसमें जीत (Jeet), मजहर ख़ान (Mazhar Khan) और राजेंद्र नाथ (Rajendra Nath) मुख्य भूमिका में नजर आए थे.
पुराना मंदिर (Purana Mandir)
साल 1984 में रिलीज हुई फिल्म 'पुराना मंदिर' फिल्म तो आपने देखी ही होगी. इस फिल्म में सामरी नाम के शैतान के ईर्द-गिर्द घूमती है. फ़िल्म में मोहनीश बहल (Mohnish Behl), पुनीत इस्सर (Puneet Issar), सदाशिव अमरापुरकर (Sadashiv Amrapurkar) और आरती गुप्ता (Aarti Gupta)मुख्य भूमिका में थे.
वीराना (Veerana)
साल 1988 में रिलीज हुई फिल्म हेमंत बिर्जे (Hemant Birje) और जैस्मीन (Jasmine) की फिल्म 'वीराना' उस दौर की सबसे डरावनी फिल्म हुआ करती थी. उस समय में इस फिल्म को देख पाना आसान काम नहीं माना जाता था. इसमें एक तांत्रिक और लड़की की कहानी थी जो उसे अपने वश में कर लेता है.
घुंघरू की आवाज (Ghungroo Ki Awaaz)
साल 1981 में रिलीज हुई ठाकुर रणजीत सिंह और काजल की ज़िदगी पर बनी ये फिल्म 'घुंघरू की आवाज' एक हॉरर फिल्म थी. फिल्म में विजय आनंद (Vijay Anand), रेखा (Rekha), धीरज कुमार (Dheeraj Kumar)और लीला मिश्रा (Leela Mishra) मुख्य भूमिका में नजर आए थे.
तहख़ाना (Tahkhana)
साल 1986 में आई ठाकुर सुरजीत सिंह और उनकी संपत्ति के बंटवारे पर बनी ये फिल्म 'तहखाना' भी बेहद हॉरर फिल्मों में गिनी जाती थी. इसमें आरती गुप्ता (Aarti Gupta) और हेमंत बिर्जे (Hemant Birje) मुख्य भूमिका में नजर आए थे.
Published on:
04 Apr 2022 03:47 pm
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