
Shatrughan Sinha
भारतीय सिनेमा को 'खामोश' जैसा फेमस डायलॉग देने वाले शत्रुघ्न सिन्हा Shatrughan Sinha 9 दिसंबर को अपना जन्मदिन मना रहे हैं। उन्होंने देव आनंद कि फिल्म 'प्रेम पुजारी' से बॉलीवुड में एंट्री ली थी। शत्रुघ्न ने अपने अनोखे अंदाज और बेहतरीन अभिनय से बॉलीवुड को 'कालीचरण', 'विश्वनाथ', 'दोस्ताना', 'शान', 'क्रांति', 'नसीब' और 'काला पत्थर' जैसी फिल्में देकर दर्शकों का दिल जीता है। शत्रुघन को बिहारी बाबू के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म 9 दिसंबर, 1946 को पटना में हुआ था।
7 साल तक रहा रीना से रिश्ता
शत्रुघ्न सिन्हा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि रीना रॉय से उनका रिश्ता 7 साल तक चला। दिलचस्प बात यह है कि उनकी वाइफ पूनम ने भी इस बात का खुलासा किया था कि वे अपने पति और रीना के अफेयर के बारे में सब जानती थीं।
भड़क गई थी रीना राय
बॉलीवुड में जिस समय रीना का कॅरियर चरम पर था, उस उनका नाम शत्रुघ्न से जुड़ा था। उस दौरान रीना किसी काम के सिलसिले में लंदन गई थीं, तो शत्रुघ्न ने पूनम से शादी कर सबको चौंका दिया था। जब रीना को इस बात की भनक लगी तो वो भड़क गईं और तुरंत वापस आकर अभिनेता से जवाब मांगा था।
फेमस डायलॉग
बात करें शत्रुघ्न सिंहा की फेमस डायलॉग्स की तो उनकी फिल्म 'असली नकली' से 'गलती माफ कर देता हूं...दूसरी बर्दाश्त नहीं करता', 'बेताज बादशाह' से 'जब दो शेर आमने सामने खड़े हों तो भेड़िए उनके आस पास नहीं रहते', 'विश्वनाथ' से 'जली को आग कहते हैं, बुझी को राख कहते हैं... जिस राख से बारूद बने उसे विश्वनाथ कहते हैं', 'हमसे ना टकराना' से 'अमीरों से गरीबों की हड्डियां तो चबाई जा सकती हैं... उनके घर की रोटियां नहीं' और 'नसीब' से 'जिसके सर पर तुझ जैसे दोस्त का साया हो, उसके लिए बनकर आई मौत, उसके दुश्मनों की मौत बन जाती है' आज भी लोकप्रिय हैं।
अभिनेता से बने राजनेता शत्रुघ्न
फिल्म इंडस्ट्री का जाना माना नाम है। शत्रुघ्न सिन्हा ने 90 के दशक में राजनीति में प्रवेश किया था। 2009 में बिहार के पटना साहिब सीट से शत्रु ने बहुत बड़ी जीत दर्ज की थी और वाजपेयी सरकार में 13वीं लोकसभा में शत्रु को कैबिनेट मिनिस्टर भी बनाया गया था। शत्रुघ्न की बेटी सोनाक्षी सिन्हा बॉलीवुड की शुमार एक्ट्रेसेस में से एक हैं। उनके दो बेटे लव सिन्हा और कुश सिन्हा हैं।
Published on:
08 Dec 2019 04:15 pm
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