
Smita Patil old interview does Sridevi Know She Is Being exploited
आज बॅालीवुड इंडस्ट्री की खूबसूरत अदाकारा स्मिता पाटिल की पुण्यतिथी है। उन्होंने सिनेमाजगत में अपनी एक खास पहचान छोड़ी हुई हैं। एक्ट्रेस ने मात्र 10 साल में करीब 80 फिल्में की। 17 अक्टूबर 1955 को पुणे में जन्मी स्मिता की खूबसूरती के लोग दीवाने थे। स्मिता ने बॅालीवुड अभिनेता राज बब्बर से शादी की थी। शादी के कुछ वक्त बाद उन्होंने बेटे प्रतीक बब्बर को जन्म दिया। पर कॅाम्लिकेटिड प्रेग्नेंसी की वजह से वह इस दुनिया से चली गईं।
आपको बता दें कुछ दिन पहले प्रतिक बब्बर ने अपनी मां स्मिता पाटिल का कोट इंस्टाग्राम पर शेयर किया था। उसमें लिखा था, 'श्रीदेवी मेरी अच्छी दोस्त हैं। मैं वास्तव में उनसे बात करना चाहूंगी, उससे पूछूंगी कि क्या वह जानती है कि उनका शोषण किया जा रहा है।' प्रतीक की इस तस्वीर के बाद मालूम चला कि ये असल में स्मिता के एक इंटरव्यू का कोट है। कई साल पहले एक्ट्रेस ने स्टारडस्ट को एक इंटरव्यू दिया था। जिसमें उन्होंने भारतीय सिनेमा में बदलाव लाने के बारे में बात की और साउथ इंडस्ट्री की एक्ट्रेसेस सहित श्रीदेवी और जया प्रदा पर सवाल खड़े किए।
उन्होंने इंटरव्यू के दौरान कहा, ' आजकल हर किसी का टेस्ट वल्गर हो गया है। 'इंकलाब' में एक स्विमिंग पूल गीत है। भगवान, आप दर्शकों को क्या दिखा रहे हैं। मुझे हैरानी होती हैं कि जब महिलाएं ये सब देखती हैं तो उनपर क्या बीतती होगी। उन्हें निश्चित रूप से शर्म आ जाती होगी ये सोचकर कि आजकल की अदाकाराएं कैसे अंग प्रदर्शन करती हैं।
'मुझे लगता है इसपर महिला दर्शकों को विद्रोह करना चाहिए। दिल्ली में, 'सहेली' समूह ने मलयालम फिल्मों के खिलाफ अश्लील आंदोलन का नेतृत्व किया था, और उन्हें प्रतिबंधित करने में सफल रहा।"
इसके बाद स्मिता ने श्रीदेवी के बारे में बात करते हुए कहा, 'श्रीदेवी मेरी एक अच्छा दोस्त है। मैं वास्तव में उनसे बात करना चाहूंगी, उससे पूछूंगा कि क्या उन्हें पता चल रहा है कि वह किस तरह से शोषण का शिकार हो रही हैं। शायद नहीं। मैं तो इतने पर भी नहीं कह सकती कि मैं शोषण का शिकार नहीं हूं।'
''चक्र' के दौरान मैं समझ नहीं पाई थी कि उस बाथ सीन का क्या मकसद है। ये समझने में मुझे चार साल लग गए। उस वक्त तक तो मैं भी ये सीन करने के लिए तैयार हो गई थी। बाद में मुझे इस बात का दुख हुआ। पर साउथ इंडस्ट्री की एक्ट्रेसेस को तो इतना भी सोचने का मौका नहीं मिलता। इसमें उनकी गलती नहीं है, उनके आस-पास के लोग उन्हें मानसिक रूप से बढ़ने का मौका नहीं देते हैं। उन्हें बचपन से अभिनेत्री बनने के लिए तैयार किया जाता है।'
'वे सेट पर जाती हैं और सबकुछ अपने माता-पिता के अनुसार करती हैं। उनका सिर्फ एक मकसद होता है पैसे कमाना और शादी कर लेना। उनको अंत तक ये अहसास नहीं होता कि ये इंडस्ट्री उनका शोषण कर रही है। जो कि बहुत अफसोस की बात है।'
उन्होंने आगे बताया, 'ये साउथ इंडस्ट्री की एक्ट्रेसेस सिर्फ सेक्स-ऑब्जेक्ट्स बनना चाहती हैं और उन्हें शोषण से कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे नहीं लगता कि उनमें से कोई भी ये सोचता है कि इस तरह से वे किस प्रकार की महिला स्क्रीन पर प्रोजेक्ट करते हैं और इससे दर्शकों पर क्या प्रभाव हो सकता है।'
'वे सिर्फ पैसा बनाना चाहते हैं, भले ही इसका मतलब शारीरिक और मानसिक रूप से शोषण किया जा रहा हो।
उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। अब देख लीजिए 'तोहफा', 'मवाली' बहुत बड़ी हिट हैं। यह वास्तव में निराशाजनक है।'
'फिल्में एक मजबूत माध्यम हैं, इसके माध्यम से बहुत कुछ किया जा सकता है। श्रीदेवी एक शानदार एक्ट्रेस हैं और लेकिन देखो कि वह खुद क्या कर रही हैं। मैंने 'जाग उठा इंसान' देखी और मैं वास्तव में उनके सहज अभिनय और नृत्य से प्रभावित थी ।'
'मुझे लगता है कि उन्हें कुछ अच्छी फिल्में करनी चाहिए। 'सदमा' में भी, वह अच्छी थी और मैंने खुद से कहा, 'भगवान, यहां एक अभिनेत्री है'। लेकिन उसके बाद ही उन्होंने 'तोहफा', 'मक्साद' जैसी फिल्में कर डाली।'
'मुझे लगता है कि अदाकाराओं को अपनी प्राथमिकताओं को स्पष्ट करना होगा। मैंने कई सालों तक खुद को रेखा या हेमा समझा। इसी भ्रम में कई गलत फिल्में भी साइन की, पर अब में स्पष्ट हूं। अगर एक अभिनेत्री के रूप में, मैं सफल हूं, मैं सफल हूं। मुझे बॉक्स ऑफिस की परवाह नहीं है, जहां एक्ट्रेसेस कुछ भी करती हैं।'
Updated on:
17 Oct 2018 04:12 pm
Published on:
17 Oct 2018 02:25 pm
बड़ी खबरें
View Allबॉलीवुड
मनोरंजन
ट्रेंडिंग
