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सिनेमा के बाद अब टीवी पर स्त्री देखने की मची होड़, चूक गए हैं तो फिर यहां मिलेगा मौका

अमर कौशिक के डायरेक्शन में बनी फिल्म स्त्री इस साल की सुपरहिट फिल्मों में से एक है।

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STREE

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राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर स्टारर हॉरर - कॉमेडी मूवी 'स्त्री' का वर्ल्ड टीवी प्रीमियर का प्रसारण आज यानी की 18 नवंबर को दोपहर 1 बजे स्टार प्लस पर हुआ। अमर कौशिक के डायरेक्शन में बनी फिल्म 'स्त्री' इस साल की सुपरहिट फिल्मों में से एक है। मात्र 20 करोड़ में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ से भी अधिक कमाई की। अब फिर से एक बार दर्शकों के पास यह फिल्म देखने का मौका आया जिसे दर्शकों ने जमकर इनकैश किया। हालांकि अगर आप अभी तक इस फिल्म को नहीं देख पाएं हैं तो घबराइए मत। रिपोर्ट्स के मुताबिक अगले महीने ये फिल्म स्टार गोल्ड पर भी रिलीज की जाएगी। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

कहानी

फिल्म की कहानी है चंदेरी नामक एक कस्बे की। इस कस्बे में एक भूत का काफी आतंक है। लोग इस भूत को स्त्री नाम से बुलाते हैं। यह स्त्री सिर्फ पुरुषों की ही अपनी शिकार बनाती है। अचानक कस्बे से कई पुरुष गायब होने लगते हैं। जिनके बाद में सिर्फ कपड़े ही मिलते हैं। कोई नहीं जानता कि यह क्या हो रहा है? सबके पास अपनी-अपनी कहानियां हैं। डर का माहौल शहर में पसरा हुआ है। घर की दीवारों पर लिख दिया जाता है 'ओ स्त्री, कल आना'। कस्बे के पुरुष रात को घर से निकलना बंद कर देते हैं। राजकुमार राव फिल्म में कस्बे के एक युवक का किरदार निभा रहे हैं, जो कि एक दर्जी है और हर तरह के लेडिज कपडों के डिजाइन सिल सकता है। इस बीच राजकुमार राव की मुलाकात श्रद्धा कपूर से होती है और वो उनसे प्यार करने लगते हैं, लेकिन इस बीच राजकुमार राव को दोस्तों से पता चलता है कि श्रद्धा कपूर ही 'स्त्री' हैं। इसके बाद फिल्म में क्या नया मोड़ आता है यह जानने के लिए आपको सिनेमाघरों का रुख करना होगा।

सच्ची घटना पर आधारित फिल्म
'स्त्री' की कहानी साउथ इंडिया में घटित हुई एक सच्ची घटना के आस पास घूमती है। दरअसल, 1990 के आसपास कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में एक अफवाह फैली थी कि एक ‘चुड़ैल’ है जो शहर की गलियों में रात के वक्त घूमती है और मर्दों की तलाश में रहती है। वो चुड़ैल लोगों के घरों का दरवाजा खटखटाती है और बड़ी प्यारी सी आवाज में घर के मर्द को आवाज देती है। खासकर मर्द की मां या पत्नी की आवाज में वो उन्हें पुकारती है। फिर जैसे ही वो मर्द बाहर जाता है वो चुड़ैल अगले 24 घंटे के भीतर-भीतर उसे मार देती है। इसके बाद लोगों ने इस चुड़ैल से बचने का उपाय ढूंंढा। लोगों ने कहना शुरू किया 'नाले बा'। 'नाले बा' एक कन्नड़ शब्द है। इसका मतलब है कि ‘कल आना’। लोग अपने घरों के सामने 'नाले बा' लिख देते थे ताकि वो बुरी आत्मा उनके घर का दरवाजा न खटखटाए। ऐसा माना जाता था कि 'नाले बा' पढ़ने के बाद वो चुड़ैल वापिस लौट जाती थी। आज भी 1 अप्रैल को ‘नाले बा डे’ के तौर पर मनाते हैं। कहते हैं कि उन दिनों कई लोगों ने अपने घर के बाहर किसी के दरवाजा खटखटाने की आवाजें सुनी थी और कई भयंकर मर्डर भी हुए थे। पर जब इस बारे में डायरेक्टर अमर कौशिक से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि फिल्म 'स्त्री' सिर्फ ‘नाले बा’ वाली घटना पर ही आधारित नहीं है। फिल्म में देश की अलग-अलग जगहों पर फैली अफवाहों को लेकर कहानी तैयार की गई है।