
(फोटो सोर्स: Tanvi The Great X)
Tanvi The Great: अगर कोई आपको ये कहे कि आप किसी काम के काबिल नहीं हैं, या वो आपके बस का नहीं है। तो उसे एक बार 'तन्वी द ग्रेट' देखने को जरुर देखने को कहे, इससे ये हो सकता है उसकी सोच ही बदल जाए। ये फिल्म सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि एक ऐसा अनुभव है जो दिल को छू जाता है और मेकर्स ये दावा कर रहे है कि आप लंबे समय तक सीट से उठ नहीं पाएंगें। आज जहां बॉलीवुड में फिल्में कम और प्रोजेक्ट ज्यादा बनते हैं, वहीं अनुपम खेर ने दिल से एक फिल्म बनाई है। जिसमें सादगी भी है और सच्चाई भी। ये फिल्म बताती है कि सिनेमा सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि प्रेरणा देने का भी जरिया भी बन सकता है।
दरअसल 'तन्वी द ग्रेट' एक ऑटिस्टिक लड़की तन्वी की कहानी है। जिसके पिता सेना में थे और वो शहीद हो गए। इसके बाद दादा लैंसडाउन में रहते हैं और सेना से रिटायर्ड हैं। तन्वी को अपने जूतों के फीते तक नहीं बांध आते, लेकिन एक रात 2 बजकर 17 मिनट पर ये फैसला करती है कि इसे सेना में भर्ती होना है। इस फिल्म को देखकर आपको ऐसा लगेगा कि हमारे हाथ पैर सलामत हैं तब भी हम सोचते हैं कि ये नहीं कर सकते, वो नहीं कर सकते और ये लड़की सेना में जाना चाहती है।
इस फिल्म का पहला सीन से आपको इमोशनल कर देगा, जब तन्वी के पापा करण टैकर उससे फोन पर बात करते हैं और वो उनका ये लास्ट फोन होता है। ये फिल्म पूरी तरह से आपको रोने पर मजबूर कर देने वाली है। बता दें कि इस फिल्म को अनुपम खेर, अंकुर सुमन और अभिषेक दीक्षित ने मिलकर बनाया है और डायरेक्शन अनुपम खेर ने किया है। ये तीनों इस फिल्म के असली हीरो हैं, क्योंकि इतने सारे दिग्गज कलाकारों के होते हुए भी एक नई लड़की को इस तरह पेश कर देना, ये अपने आप में खास है।
इस फिल्म की कहानी फैंस काफी खुश है, और इनका कहना है कि किसी को भी कमतर न समझने की सीख देती है, फिल्म। तो दूसरें फैंस ने कहा कि ये पॉजिटिविटी, अच्छाई और दूसरों की खूबियां देखने की पैरवी करती है, इसका फर्स्ट हाफ में स्क्रीनप्ले भी अच्छा है। तो साथ ही अन्य ने कहा - रिटायर फौजी दादा के जीवन में तन्वी की मासूमियत और जिद कैसे नए रंग भरती है, ये कई हल्के-फुल्के पल हैं, जो चेहरे पर मुस्कान लाते हैं।
Published on:
18 Jul 2025 10:58 am
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