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DDLJ के लिए शाहरुख नहीं टॉम क्रूज थे पहली पसंद, फिर ऐसे किंग खान की झोली में आ गिरी फिल्म

आईकॉनिक फिल्मों में शुमार दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे को रिलीज हुए कई साल गुजर चुके हैं, लेकिन आज भी ये लोगों की फेवरेट फिल्मों की लिस्ट में शुमार है। आज भी फिल्म के गाने लोगों की जुबान पर चढ़े रहते हैं। फिल्म को रिलीज हुए 27 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन इसके किरदार फैंस के दिलों में आज भी जिंदा हैं।

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Shweta Bajpai

May 09, 2022

tom cruise was the first choice for iconic film ddlj not shahrukh khan

tom cruise was the first choice for iconic film ddlj not shahrukh khan

'राज' और 'सिमरन' के किरदार ने लोगों के दिलों पर इस कदर छाप छोड़ी कि आज भी ये उनके जहन में बने हुए हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि 'राज' के किरदार के लिए शाहरुख निर्देशक आदित्य की पहली पसंद नहीं थे।

जी हां रिपोर्ट की मानें तो आदित्य इस फिल्म में किंग खान की जगह हॉलीवुड अभिनेता टॉम क्रूज को लेना चाहते थे। यहां तक उन्होंने फिल्म का नाम भी सोच लिया था। वो फिल्म का नाम 'द ब्रेवहर्ट विल टेक द ब्राइड'। इसके पीछे की वजह इस फिल्म को इंडो-अमेरिकन प्रोजेक्ट के तौर पर बनाने की थी, लेकिन आदित्य के पिता और दिवंगत फिल्म निर्माता यश चोपड़ा को आदित्य का यह आइडिया पसंद नहीं आया, जिसके चलते बात नहीं बनी।

इसके बाद इस किरदार को निभाने के लिए अभिनेता सैफ अली खान को अप्रोच किया गया था। उनकी डेट्स उपलब्ध नहीं थी, इसलिए बाद में जाकर यह फिल्म शाहरुख की झोली में चली गई, लकिन शाहरुख भी फिल्म के लिए आसानी से नहीं माने थे। आदित्य चोपड़ा को शाहरुख के साथ 4 मीटिंग करनी पड़ी, तब जाकर उन्होंने रोल स्वीकार किया।

डरे हुए थे शाहरुख-
फिल्म के 25 साल पूरे होने के मौके पर शाहरुख खान ने कहा था कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वो रोमांटिक रोल प्ले करने के लिए बने हैं। शाहरुख ने कहा था कि यह फिल्म उनके द्वारा निभाए गए रोल से काफी अलग था। एसआरके ने कहा था, 'मैंने डर, बाजीगर और अंजाम जैसी फिल्मों में नेगेटिव रोल प्ले किया था। साथ ही मुझे हमेशा लगता था कि मैं रोमांटिक किस्म के रोल नहीं निभा सकता। इसलिए जब आदित्य और यश जी ने मुझे इस रोल के बारे में बताया तो मैं उनके साथ काम करने को लेकर उत्साहित था लेकिन मैं यह नहीं जानता था कि यह कैसे करना है साथ ही मुझे लगता था कि क्या मैं इसे सही तरीके से कर पाऊंगा। लेकिन उन्होंने मुझे यह मौका दिया तो मैं इसे लेकर काफी उत्साहित था।' आपको बता दें कि आदित्य दिन रात सोचा करते थे और फिर एक मौका आया जब उन्होंने लगातार 12 दिन बैठकर फिल्म की स्क्रीनप्ले लिख डाला।

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