फिरोज खान और विनोद खन्ना फिल्म ‘दयावान’, ‘कुर्बानी’ और ‘शंकी शंम्भू’ में साथ नजर आए थे। साल 1980 में आई फिल्म ‘कुर्बानी’ ने विनोद खन्ना को एक खास मुकाम पर पहुंचा दिया था। खास बात यह है कि इस फिल्म में फिरोज खान निर्माता, निर्देशक और एक्टर तीनों भूमिकाओं में थे। उसी दौरान दोनों के बीच गहरी दोस्ती हुई थी। दोनों का एक ही दिन निधन होना बहुत अजीब बात थी हालांकि फिरोज ने सन 2009 में दुनिया को अलविदा कहा था। वहीं विनोद का निधन 2017 में हुआ था।
विनोद खन्ना का कॅरियर
गोरतलब है कि विनोद और फिरोज ने भारतीय सिनेमा में अपने अभिनय से महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विनोद ने 1968 में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। विनोद खन्ना को गुलजार की फिल्म ‘मेरे अपने’ से अच्छी पहचान मिली थी। इसके अलावा उन्होंने ‘कुर्बानी’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘रेशमा और शेरा’, ‘हाथ की सफाई’, ‘हेरा फेरी’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’ जैसी कई शानदार फिल्में की।
बता दें राजमाता विजयाराजे सिंधिया के जीवन पर बनी फिल्म ‘एक थी रानी ऐसी भी’ में हेमा मालिनी के साथ विनोद खन्ना की आखिरी फिल्म थी। उन्होंने लगभग140फिल्मों में काम किया। बता दें विनोद ने विलेन के किरदार से अपने कॅरियर की शुरुआत की थी। बाद में वह हीरो के किरदार में दिखने लगे।