बॉलीवुड

फिल्म ‘बॉर्डर’ के निर्देशक जेपी दत्ता को मिलने लगी थीं जान से मारने की धमकियां

हिंदी सिनेमा जगत में कई ऐसी फिल्मों का निर्माण किया गया है। जिनमें देशप्रेम की भावना को बखूबी रूप से दिखाया गया है। मशहूर फिल्म निर्देशक जेपी दत्ता की फिल्में बॉर्डर और एलओसी कारगिल इसका जीता जागता उदाहरण हैं, लेकिन जेपी दत्ता के लिए ये फिल्में बनानी आसान बात नहीं थीं। निर्देशक ने खुद की और परिवार की चिंता किए बिना इन फिल्मों को बड़े पर्दे पर उतारा था।

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JP Dutta

नई दिल्ली। आज देशभर में 75वां स्वतंत्रता दिवस खूब धूमधाम से मनाया जा रहा है। स्वतंत्रता दिवस में अक्सर बॉलीवुड में बनी देशभक्ति फिल्मों के गानों को सुना जाता है। हिंदी सिनेमा जगत ने कई ऐसी फिल्में बनाई हैं। जो लोगों को खूब प्रेरित करती हैं। इन फिल्मों में से 'बॉर्डर' और 'एलओसी' कारगिल मुख्य फिल्में हैं। जिन्हें मशहूर फिल्म निर्माता जेपी दत्ता ने बनाया था। इन फिल्मों की शूटिंग के दौरान जेपी दत्ता को जान से मारने की धमकी तक मिलने लगी थी, लेकिन उन्होंने अपना फैसला नहीं बदला। बताया जाता है कि जब फिल्म 'बॉर्डर' रिलीज़ हुई। तब जेपी दत्ता के परिवार पर मुसीबतों के बादल छा रहे थे। जिसके बाद फिर जब जेपी दत्ता ने फिल्म 'एलओसी कारगिल' बनाने का फैसला लिया तो परिवार वालों ने उन्हें रोकने की खूब कोशिश की, लेकिन जेपी दत्ता अपनी बात से पीछे नहीं हटे।

जेपी दत्ता को मिलने लगी जान से मारने की धमकियां

जेपी दत्ता ने जो फिल्म 'बॉर्डर' बनाई थी वो भारत और पाकिस्तान के 1971 युद्ध पर आधारित थी। फोबर्स को दिए एक एंटरव्यू में जेपी दत्ता ने बताया था कि जब फिल्म बॉर्डर रिलीज हुई तो उनकी जान पर खतरा मंडराने लगा था। जिसके बाद उन्हें दो बॉडीगार्ड्स दिए गए थे। वो बॉडीगार्ड्स हमेशा साए की तरह उनके साथ रहते थे। करीबन 3-4 महीने तक वो उन्होंने अपनी लाइफ यूं ही बिताई।

परिवार से भिड़ गए थे फिल्म एलओसी कारगिल

जेपी दत्ता ने बताया कि 'बॉर्डर' में जो स्थितियां बनी थीं। उससे उनका परिवार बुरी तरह से डर गया था। ऐसे में जब उन्होंने एलओसी कारगिल बनाने का फैसला लिया तब उनका परिवार पूरी तरह से उनके खिलाफ था। जेपी दत्ता कहते हैं कि 'जब उन्होंने अपने परिवार से फिल्म बनाने पर बहस की और उन्हें समझाया कि हम सभी को किसी ना किसी तरह से, कभी ना कभी तो मरना होगा।

अगर वो सैनिक देश के लिए खड़े हो सकते हैं। वो अपनी जान दे सकते हैं। तो वो उनके लिए क्यों नहीं मर सकते हैं? जेपी दत्ता ने अपने परिवार को साफ कह दिया था कि वो अपने फैसले से पीछे नहीं हटेंगे। वो ये जरूर करेंगे और इतिहास दर्ज कराएंगे।'

पैसा कमाने के लिए नहीं बनाई फिल्में

जेपी दत्ता ने आगे बताया कि उन्होंने कभी भी फिल्में पैसे कमाने के लिए नहीं बनाई। ना ही कभी उन्होंने फिल्म को तीन घंटे या ढाई घंटे करने का फैसला लिया। एलओसी कारगिल फिल्म चार घंटे की फिल्म थी। जेपी दत्ता बतातें है कि वो अधिकारियों से मिले थे, इसलिए उन्होंने फिल्म की लंबाई को उतना ही रखा।

यही नहीं वो उन अधिकारियों के बच्चों से भी मिले थे और जाना कि कैसे वो बड़े हुए और कैसे वो लड़े। अगर वो फिल्म को छोटा करने की कोशिश करते तो फिल्म से उनके जीवन और उनकी जिंदगी से जुड़ी कहानियों को हटाना पड़ जाता। फिर कभी वो उन परिवार को सम्मान नहीं दे पातें।

एलओसी कारगिल के बाद नहीं मिली धमकियां

जब फिल्म एलओसी कारगिल रिलीज़ हुई तो जेपी दत्ता को धमकियां मिलनी बंद हो गई थीं। जेपी दत्ता ने इस फिल्म में 1999 कारगिल युद्ध को दर्शाया था। फिल्म में अभिनेता अजय देवगन, संजय दत्त, अभिषेक बच्चन, सुनील शेट्टी, सैफ अली खान, मनोज बजपेयी, करीना कपूर, रानी मुखर्जी, ईशा देओल और रवीना टंडन मुख्य किरदार में दिखाई दी थीं।

Published on:
15 Aug 2021 10:46 am
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