जब सुनील दत्त से पहली बार मिली थी नरगिस, सब कुछ भूल गए थे अभिनेता
80 और 90 के दशक की सुपरहीट अदाकार नरगिस दत्त को जब पहली बार सुनील दत्त ने देखा था तो वह उन्हें देखते ही रह गए थे, यहां तक की वह अपने इंटर्व्यू के सवाल तक भूल गए थे।
बॉलीवुड में कुछ कलाकार ऐसे हैं जिनकी लव स्टोरी एवरग्रीन है। ये कलाकार रील लाइफ ही नहीं, बल्कि रीयल लाइफ में भी कपलस के लिए आइडियल होते हैं। ऐसी ही कहानी है अभिनेता सुनील दत्त (Sunil Dutt) और एक्ट्रेस नरगिस (Nargis) की। इनकी लव स्टोरी को लोग आज भी पूरी शिद्दत से सुनने की तमन्ना रखते हैं। नरगिस जो कभी राज कपूर की दीवानी थीं, लेकिन समय, परिस्थिति और एक घटना ने उनका मन सुनील दत्त की ओर कैसे मोड़ दिया, ये किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। इस कपल की लव स्टोरी फिल्म सेट पर शूटिंग के दौरान शुरू हुई एक आम घटना नहीं, बल्कि इससे बहुत ही अलग है। शायद ऊपर वाले ने ही इनका कनेक्शन सेट किया था। तो आइए आज आपको सुनील दत्त और नरगिस की लव स्टोरी का एक किस्सा सुनाते है।
दरहसल सुनील दत्त ने रेडियो सिलोन में भी काम किया जहां वह फिल्मी कलाकारों का साक्षात्कार लिया करते थे। प्रत्येक साक्षात्कार के लिए उन्हें 25 रुपये मिलते थे। रेडियो सीलोन दक्षिणी एशिया का सबसे पुराना रेडियो स्टेशन है। यहां वह काफी मशहूर भी हुए। उनकी आवाज के लोग दीवाने थे। उस वक्त नरगिस टॉप की एक्ट्रेस थीं और सुनील दत्त उनके फैन थे। एक रोज सुनील को पता चला कि उन्हें नरगिस का इंटरव्यू लेना है। सुनील दत्त ने काफी तैयारी की, पर नरगिस का सामने आते ही वो सबकुछ भूल गए और एक भी शब्द नहीं बोल पाए। नतीजा ये हुआ कि इंटरव्यू ही कैंसिल करना पड़ा। एक सफल उद्घोषक में अपनी पहचान बनाने के बाद सुनील कुछ नया करना चाहते थे। बस फिर क्या था रेडियो की नौकरी छोड़, वह एक्टर बनने मुंबई चले आए।
नरगिस और सुनील दत्त की दूसरी मुलाकात फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ के सेट पर हुई। जहां सुनील दत्त वहां काम की तलाश में पहुंचे थे तो वहीं नरगिस बिमल रॉय से मिलने आई थी। जैसे ही नरगिस ने सुनील दत्त को देखा, उन्हें इंटरव्यू वाला वाकया याद आ गया और वो मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गईं। उस समय नरगिस की जोड़ी राज कपूर के साथ बहुत हिट थी।
नरगिस और सुनील दत्त के मिलन के लिए ही शायद फिल्म ‘मदर इंडिया’ का सेट तय किया गया था। फिल्म ‘मदर इंडिया’ की शूटिंग चल रही थी कि एक दिन अचानक सेट पर अचानक आग लग गई। शायद ये आग की घटना न होती तो नरगिस अपने असली प्यार को कभी पा ही न पातीं। इस आग ने भले ही सुनील दत्त को जख्मी किया लेकिन दो दिलों में जो आग लगी वह शायद बिना सेट पर आग लगे संभव नहीं हो पाता।। इस घटना ने दोनों के अंदर प्यार की आग भड़का दी। उसके बाद तो सबकुछ इतिहास में दर्ज हो गया।
आपको बता दें फिल्मों में कई भूमिकाएं निभाने के बाद सुनील दत्त ने समाज सेवा के लिए राजनीति में प्रवेश किया और कांग्रेस पार्टी से लोकसभा के सदस्य बने। 1968 में सुनील दत्त पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किये गये। सुनील दत्त को 1982 में मुंबई का शेरिफ नियुक्त किया गया। सुनील दत्त ने लगभग 100 फिल्मों में अभिनय किया। सुनील दत्त 25 मई 2005 को इस दुनिया को अलविदा कह गये।