
Rajesh Khanna and Rajiv Gandhi
नई दिल्ली। When Rajesh Khanna gave answer to Rajiv Gandhi: बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) ने जहां हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी सफलता का परचम लहराया। वहीं, राजनीति में भी उनके आगे सबकी चमक फीकी पड़ गई थी। कहा जाता है कि राजेश खन्ना की लोकप्रियता के आगे धुरंधर नेता लालकृष्ण आडवाणी भी कमजोर पड़ गए थे। राजेश खन्ना ने लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) को चुनावी मैदान में वो टक्कर दी थी जिसके बाद आडवानी दिल्ली छोड़कर गुजरात चले गए थे। लेकिन क्या आप जानते हैं राजेश खन्ना कभी राजनीति में आना चाहते थे।
दरअसल भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Former Prime Minister Rajiv Gandhi) राजेश खन्ना के अच्छे दोस्त थे। वो राजेश खन्ना को कई बार राजनीति में आने का प्रस्ताव देते थे, लेकिन काका उसे ठुकरा देते थे। आइये जानते हैं राजनीति के नाम पर राजेश खन्ना राजीव गांधी से क्या कहते थे।
राजीव गांधी से मेरी दोस्ती हो गई
राजेश खन्ना ने लेहरन रेट्रो नामक मीडिया प्लेटफॉर्म से बातचीत की थी। इस दौरान राजेश खन्ना ने बताया था कि ‘इंदिरा गांधी के बाद जब राजीव गांधी से मेरी दोस्ती हो गई थी, जिसके बाद में हर चुनाव में कांग्रेस के लिए मैं प्रचार करने लगा। इस दौरान राजीव जी ने कई बार कहा था कि आप चुनाव लड़ लो। तो मैं कहता था कि नहीं, हम तो दूसरी बिरादरी से हैं। हमारी बिरादरी अलग सी है। ये हमारा काम नहीं है।
मुस्कान देखकर मैं ना नहीं कर सका
राजेश खन्ना ने आगे बताया था कि एक दिन फिर उन्होंने कहा कि आप नई दिल्ली से चुनाव लड़ लीजिए। इस बार राजीव जी की मुस्कान देखकर मैं ना नहीं कर सका। मैं लड़ा और पांच साल संसद का सदस्य बना नई दिल्ली से। आडवाणी जी चले गए गांधीनगर और मैंने नई दिल्ली से चुनाव लड़ा और जीता।
राजेश खन्ना ने बताया था कि दूसरी बार भी उन्हें लोकसभा का चुनाव लड़ने को कहा गया लेकिन उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया कि मैं ये नहीं कर सकता। उन्होंने पार्टी आलाकमान से कहा था कि अगर उन्हें राज्यसभा में कोई जगह मिलती है तो उन्हें खुशी होगी।
बेहद कड़ा मुकबला देखने को मिला
आपको बता दें कि राजेश खन्ना ने कांग्रेस के लिए साल 1991 में लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। वहीं, आडवाणी ने उस समय नई दिल्ली के अलावा गुजरात के गांधीनगर से भी चुनाव लड़ा था। दोनों के बीच नई दिल्ली लोकसभा सीट के लिए बेहद कड़ा मुकबला देखने को मिला और राजनीति में नए आए राजेश खन्ना महज कुछ ही वोटों से आडवाणी से हार गए थे। बीजेपी नेता को नई दिल्ली और गांधीनगर, दोनों ही सीटों पर जीत मिली।
आडवाणी ने साल 1992 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया और वो गुजरात के गांधीनगर चले गए। उनके जाने के बाद नई दिल्ली सीट पर दोबारा उप- चुनाव करवाए गए जहां बीजेपी ने राजेश खन्ना के खिलाफ शत्रुघ्न सिन्हा को उतारा। इस बार राजेश खन्ना ने भारी मतों से शत्रुघ्न सिन्हा को हरा दिया। राजेश खन्ना 1992- 1996 तक सांसद रहे थे।
Updated on:
01 Nov 2021 10:15 am
Published on:
01 Nov 2021 09:57 am
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