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जब राजेश खन्ना से बोर हो गए थे उनके फैंन, बुरी तरह हिल गए थे काका

राजेश खन्ना की तगड़ी फैन फॉलोइंग थी। युवा लड़कियां तो उन पर जान छिड़कती थीं। कभी उनकी सफेद कार को लड़कियां लिपस्टिक मार्क से लाल कर देती थीं तो कभी खून से चिट्ठियां लिखती थीं। यही नहीं एक वक्त पर राजेश खन्ना, बॉलीवुड के सबसे अधिक फीस लेने वाले अभिनेता थे। लेकिन एक के वक्त उनका स्टारडम खो गया। और इस सच को सुपरस्टार राजेश स्वीकार नहीं कर पा रहे थे और हालात ये हो गई थी कि अंदर ही अंदर असुरक्षा की भावना घर कर गई थी

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बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार कहे जाने वाले अभिनेता राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) का जन्म 29 दिसंबर 1942 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। राजेश खन्ना के बिना हिंदी सिनेमा का इतिहास अधूरा कहा जा सकता है। प्यार से 'काका' कहलाने वाले राजेश खन्ना ने एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दी थीं। राजेश खन्ना की तगड़ी फैन फॉलोइंग थी। युवा लड़कियां तो उन पर जान छिड़कती थीं। कभी उनकी सफेद कार को लड़कियां लिपस्टिक मार्क से लाल कर देती थीं तो कभी खून से चिट्ठियां लिखती थीं। यही नहीं एक वक्त पर राजेश खन्ना, बॉलीवुड के सबसे अधिक फीस लेने वाले अभिनेता थे।

लेकिन एक के वक्त उनका स्टारडम खो गया। और इस सच को सुपरस्टार राजेश स्वीकार नहीं कर पा रहे थे और हालात ये हो गई थी कि अंदर ही अंदर असुरक्षा की भावना घर कर गई थी, हर कोई उन्हें साजिशकर्ता लगने लगा था।

जिस अभिनेता के लिए कहा जाता हो कि ‘ऊपर आका नीचे काका’, उसे अगर जरा सा भी नकारा जाए तो धक्का तो लगेगा ही. खबरों में, फिल्मी पत्रिकाओं में सुपरस्टार राजेश को लेकर जब निगेटिव खबरें छपने लगीं तो उन्हें लगने लगा कि ये सब कुछ उनकी कामयाबी से डरे इंडस्ट्री के दूसरे स्टार्स और प्रोड्यूसर्स की प्लानिंग है। वे लोग उन्हें नीचे गिराना चाहते हैं. कई साल तक राजेश खन्ना का पीआर संभालने वाले अजीत घोष ने बताया था कि ‘ अगर उन्हें कहीं से पता चलता कि कोई शख्स उनके बारे में बुरा बोल रहा है तो बिना सच्चाई की जांच किए वह उसके खिलाफ हो जाते थे। इसी स्वभाव की वजह से काका अकेले पड़ते गए, दोस्तों से अधिक दुश्मन बन गए थे।

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राजेश खन्ना ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि ‘अचानक मेरे कई दुश्मन बन गए थे। कामयाबी के साथ मुझे कई मुसीबतें भी झेलनी पड़ रही थीं’। एक्टर ने आत्मचिंतन करने की कोशिश भी की लेकिन उन्होंने इतनी ज्यादा फिल्में साइन कर ली थीं कि संतुलन बनाने का समय ही नहीं बचा था। उन्हें ये लगता था कि उनके फैंस उन्हें ज्यादा से ज्यादा देखना चाहते हैं। इसलिए उन्हें ज्यादा फिल्में करना चाहिए। हालांकि उनके कुछ करीबी फिल्मकारों ने उन्हें सलाह दी कि इस तरह से जल्द ही ओवर एक्सपोजर का शिकार हो जाएंगे लेकिन राजेश ने कभी सोचा ही नहीं था कि उनके फैंस उनसे कभी बोर भी हो सकते हैं।

कुछ फिल्मों की असफलता का झटका काका के लिए किसी सदमें से कम नहीं था। दर्शकों का मिजाज बदल रहा था। दर्शकों का वर्ग भी बदल रहा था, इसे काका भांप नहीं कर पाए, लिहाजा जब एक के बाद एक तीन फिल्में ‘शहजादा’, ‘जोरू का गुलाम’ और ‘मेरे जीवन साथी’ जब बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हुई तो वह बुरी तरह हिल गए थे। इतने बड़े झटके की उन्हें कत्तई उम्मीद नहीं थी लेकिन जिन फैंस ने उन्हें सुपरस्टार बनाया था, वही उन्हें ठुकराने का फैसला कर चुके थे। जब फिल्में पिटी तो राजेश खन्ना को पैनिक अटैक जैसा पड़ गया था। खुद को हमेशा बुलंदियों पर देखने वाले दिग्गज एक्टर बुरी तरह से हिल गए थे। वे कभी मान ही नहीं पाए कि उन्हें सिर माथे पर बैठाने वाले फैंस उन्हें इस तरह नकार भी सकते हैं।

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