6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

शाहरुख़ खान अपने पिता की तरह मौत नहीं चाहते और अपने पिता को कहा था सक्सेसफुल फेलियर

शाहरुख़ खान, जिन्हे बॉलीवुड का किंग खान या बादशाह खान के ज़िन्दगी में एक ऐसा भी दौर आया था जब वो अपने मीर ताज मोहम्मद खान के निधन के बाद ना केवल उन्हें बल्कि उनके परिवार को तोड़ दिया था।

2 min read
Google source verification
Shahrukh Khan did not want to die like his father

शाहरुख़ खान अपने पिता की तरह मौत नहीं चाहते और अपने पिता को कहा था सक्सेसफुल फेलियर

शाहरुख बॉलीवुड इंडस्ट्री के वो स्टार हैं जिन्होंने शोहरत का लगभग हर एक मुकाम देख लिय है। हालांकि शोहरत की इस सीढ़ी तक पहुंचने के लिे उन्हें बहुत कुछ गंवाना और सहना भी पड़ा है। इसी लिस्ट में शामिल है उनके गरीबी के दिन और उनके पिता का देहांत। दरअसल आज शाहरुख खान जिस मुकाम पर पहुंचे है वहां तक पहुंचने से पहले उन्हें बहुत कुछ देखना भी पड़ा है। इसका खुलासा उन्होंने कई बार अपने इंटरव्यूज में किया है।

बॉलीवुड के किंग कहे जाने वाले शाहरुख खान की फैन फॉलोइंग दुनियाभर में है। उनको देखकर हर किसी की ये ही चाहत होती है कि काश उनके जैसा स्टारडम उन्हें मिल पाता। लेकिन शाहरुख आज जिस जगह पर हैं वहां पहुंचना उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था। उनका बचपन गरीबी में बीता था। लेकिन उनकी जिंदगी में सबसे बुरा दौर तब आया जब उनके पिता मीर ताज मोहम्मद खान का निधन हो गया। इस घटना ने न सिर्फ शाहरुख खान बल्कि उनके पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया था। हालांंकि, इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और बॉलीवुड के सुपस्टार बन गए।

यह भी पढ़ें: कभी जिस बंगले के बाहर फैंस की लगती थी भीड़, उसी के बाहर बैठने को मजबूर हो गए थे राजेश खन्ना

शाहरुख खान ने साल 2012 में दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि वह अपने पिता की तरह नहीं मरना चाहते। उन्होंने अपने पिता को 'सबसे सफल फेल्यिर' बताया था। इस इंटरव्यू में शाहरुख ने ये भी बताया था कि पिता की मौत के बाद उनकी जिंदगी में एक खालीपन आ गया था। उस खालीपन को भरने के लिए वह एक्टिंग करते हैं। शाहरुख ने कहा, 'कहीं न कहीं मेरे अंदर एक खालीपन है। एक बेचैनी सी है, कुछ अजीब सा है, जिसे में ऐक्टिंग से भरने की कोशिश करता हूं।'

शाहरुख के पिता को कैंसर था। जब उनकी मौत हुई उस वक्त शाहरुख पंद्रह साल के थे। एक तो शाहरुख पिता की मौत से पहले ही टूट चुके थे। ऊपर से ड्राइवर ने उनके पापा की बॉडी को गाड़ी में घर पर लाने से इनकार कर दिया था। उस वक्त उन्हें ड्राइविंग करनी नहीं आती थी। लेकिन किसी तरह उन्होंने गाड़ी चलाई और पिता की बॉडी को घर तक लाए। गाड़ी में उनकेे साथ उनकी मम्मी भी थीं। उनकी अम्मी ने उनसे पूछा कि तुमने गाड़ी चलाना कब सीखा? इस पर शाहरुख ने जवाब दिया, बस अभी।

पिता की मौत से शाहरुख की बहन को गहरा सदमा लगा था और वह बेहोश हो गईं। दो सालों तक उनकी बहन पिता को खोने के शॉक में रहीं और डिप्रेशन में चली गईं। ऐसे में शाहरुख ने खुद को मजबूत किया घर परिवार का जिम्मेदारी संभाली। शाहरुख ने कहा था कि डिप्रेशन न हो इसलिए वह एक्टिंग करते हैं। उनका कहना था कि वह अपने पिता की तरह एक अनजान बनकर नहीं मरना चाहते। उन्हें अपने पिता पर गर्व था, पर मानते थे कि उनके पिता के अंदर कहीं न कहीं फेलियर को लेकर एक डर था।